महावारी एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे उचित साफ-सफाई और प्रबंधन के साथ हर माह आराम से संभाला जा सकता है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का कहना है कि...
Lucknow News : डॉ. सुजाता बोलीं-गर्मी में महावारी की निगरानी बहुत जरूरी
May 27, 2024 00:12
May 27, 2024 00:12
- हाथ धोना न भूलें, पानी ज्यादा पिएं
- सही उत्पाद का चयन करें
- हर दो से तीन घंटे में बदलें सेनेटरी नैपकिन
Lucknow News : महावारी एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे उचित साफ-सफाई और प्रबंधन के साथ हर माह आराम से संभाला जा सकता है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का कहना है कि महावारी प्रबंधन के लिए बाजार में सेनेटरी नैपकिन, टैंपोंस, मेंस्ट्रुअल कप और पीरियड अंडरवियर जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। हालांकि, वर्तमान में कपड़ा और पैड्स का अधिक उपयोग होता है। सेनेटरी नैपकिन या कपड़े के बजाय बेहतर विकल्प जैसे टैंपोंस और मेंस्ट्रुअल कप के उपयोग से भविष्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखे जा सकते हैं।
गर्मी में सफाई का विशेष ध्यान रखें
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 15 से 24 साल की 72.6 प्रतिशत युवतियां महावारी के दौरान सुरक्षित साधनों का उपयोग करती हैं। इनमें से 69 प्रतिशत कपड़े, 56 प्रतिशत सेनेटरी नैपकिन, 17 प्रतिशत स्थानीय तौर पर तैयार किए गए सेनेटरी पैड्स और दो प्रतिशत टैंपोंस का उपयोग करती हैं। शहरी क्षेत्र की 87 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र की 68 प्रतिशत महिलाएं महावारी के दौरान सुरक्षित साधनों का उपयोग करती हैं।
सबसे ज्यादा जरूरी है कि सफाई का ध्यान रखना
महावारी प्रबंधन के लिए चाहे जो भी साधन उपयोग में लाएं, सबसे ज्यादा जरूरी है कि सफाई का ध्यान रखा जाए और इनका समुचित निस्तारण किया जाए। सफाई के अभाव में जननांगों का संक्रमण होने की संभावना होती है, वहीं साधनों के समुचित निस्तारण न होने से वातावरण प्रदूषित होता है।
महावारी की निगरानी बहुत जरुरी
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव बताती हैं कि महावारी उत्पादों के इस्तेमाल के बाद हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए। महावारी के दौरान सूती कपड़े का उपयोग करना चाहिए। सेनेटरी नैपकिन या कपड़े को हर दो से तीन घंटे पर बदलना चाहिए। अगर रक्तस्राव ज्यादा हो रहा है तो जल्दी-जल्दी बदलना चाहिए। ऐसा न करने से बैक्टीरिया या फंगस रैशेज हो सकते हैं।
अनियमित महावारी हो सकती है डायबिटीज, सीलिएक और थायराइड का संकेत
टैंपोंस को हर चार से आठ घंटे और मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल करने के बाद रोज धोना चाहिए। योनि को साफ पानी से धोएं और अधिक मात्रा में पानी पिएं, जिससे पेशाब की नाली साफ रहे और योनि के संक्रमण की संभावना कम हो। महावारी की निगरानी भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य का एक मार्कर होती है। अनियमित महावारी डायबिटीज, सीलिएक और थायराइड का भी संकेत हो सकती है।
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