उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शासन ने नए साल का तोहफा देते हुए मूल विद्यालय (पहले तैनाती स्थल) वापसी का शासनादेश जारी कर...
डेढ़ लाख शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खबर : मूल विद्यालय वापसी का रास्ता साफ, महिलाओं के लिए ससुराल जाने का मौका, तबादला आदेश जारी
Jan 03, 2025 22:25
Jan 03, 2025 22:25
प्रदेश के 1 लाख 42 हजार शिक्षामित्र लंबे समय से मूल विद्यालय वापसी और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दिनों हुए आंदोलन के बाद शासन ने इस पर सकारात्मक कार्यवाही शुरू की। वहीं 2 जनवरी को अखबार में ''शिक्षामित्रों के तबादले व मानदेय बढ़ाने का लंबा हो रहा इंतजार'' शीर्षक से खबर भी प्रकाशित हुई थी। इसका संज्ञान लेते हुए शासन ने शुक्रवार को शिक्षामित्रों के स्थानांतरण/ समायोजन का आदेश जारी कर दिया। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम के अनुसार पुरुष शिक्षामित्र और अविवाहित शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान विद्यालय में रहने, मूल विद्यालय में जाने, मूल विद्यालय में पद खाली न होने पर उस ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में चल रहे विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर विकल्प लेकर तैनाती दी जाएगी।
किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी
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30 से 40 हजार शिक्षामित्रों को मिलेगा लाभ
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान में 1.42 लाख शिक्षामित्र तैनात हैं। जुलाई 2018 में इनको शासन की ओर से मूल विद्यालय वापसी का अवसर दिया गया था। उस समय भी काफी संख्या में शिक्षामित्रों ने इसका लाभ लिया था। हालांकि 20 से 25 हजार शिक्षामित्र छूट गए थे। जबकि उस समय से अब तक काफी महिला शिक्षामित्रों की शादी हो चुकी है। ऐसे में इस बार लगभग 30 से 40 हजार शिक्षामित्रों को इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में इन्हें 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है।
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