पार्क का एक प्रमुख उद्देश्य विलुप्त हो रही वनस्पतियों को संरक्षित करना है। गोमती नदी के बेसिन में मिलने वाली कई प्रजातियां अब विलुप्त होने के कगार पर हैं। इन प्रजातियों को पार्क के वेटलैंड में लगाया जाएगा। इसके अलावा, पक्षियों को आकर्षित करने के लिए घास, झाड़ियां और छायादार पेड़ लगाए जाएंगे।
Lucknow News : 75 एकड़ में बनने वाला बायो-डायवर्सिटी पार्क होगा खास, शहर में कराएगा जंगल का अनुभव
Dec 03, 2024 19:49
Dec 03, 2024 19:49
जंगल जैसा माहौल और वेटलैंड का निर्माण
यह पार्क पूरी तरह से जैव विविधता पर आधारित होगा, जहां पक्षियों को प्राकृतिक आवास प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नेचुरल वेटलैंड विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही गहराई वाले स्थानों पर तालाब बनाकर इसे 'लोटस पार्क' के रूप में भी तैयार किया जाएगा। पार्क में लगे पौधों और पेड़ों की प्रजातियां गोमती नदी के बेसिन से प्रेरित होंगी।
डीपीआर तैयार करने के निर्देश और प्रोजेक्ट की शुरुआत
एलडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) प्रथमेश कुमार ने इस जमीन का निरीक्षण कर प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि यह जमीन पहले सहारा ग्रुप को ग्रीन बेल्ट के विकास के लिए दी गई थी। लेकिन, ग्रीन बेल्ट विकसित नहीं होने पर इसे वापस ले लिया गया। अब इसे दिल्ली के यमुना बायो-डायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
विलुप्त प्रजातियों का संरक्षण, पक्षियों के प्राकृतिक आवास का निर्माण
पार्क का एक प्रमुख उद्देश्य विलुप्त हो रही वनस्पतियों को संरक्षित करना है। गोमती नदी के बेसिन में मिलने वाली कई प्रजातियां अब विलुप्त होने के कगार पर हैं। इन प्रजातियों को पार्क के वेटलैंड में लगाया जाएगा। इसके अलावा, पक्षियों को आकर्षित करने के लिए घास, झाड़ियां और छायादार पेड़ लगाए जाएंगे। पार्क को पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास स्थल बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। हर मौसम में पक्षियों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए फलदार पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही, मेडिसिनल और बटरफ्लाई गार्डन भी विकसित किए जाएंगे। यह पार्क एक रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में संरक्षित रहेगा, जो पक्षियों और अन्य जीवों के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करेगा।
ईको-टूरिज्म और शिक्षा का केंद्र
बायो-डायवर्सिटी पार्क केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। यहां आने वाले छात्रों को पौधों, पक्षियों, कीट-पतंगों और जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए एक नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर (NIC) स्थापित किया जाएगा, जो जैव विविधता के संरक्षण और जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह पार्क न केवल लखनऊ के निवासियों को एक नया पर्यटन स्थल प्रदान करेगा, बल्कि शहर के पर्यावरण को भी बेहतर बनाएगा। पार्क का उद्देश्य जैव विविधता को संरक्षित करना और लोगों को प्रकृति के करीब लाना है।
पार्क का निर्माण : सामुदायिक और पर्यावरणीय लाभ
पार्क के निर्माण से न केवल शहर को एक नया ग्रीन स्पेस मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं को संरक्षित करने में भी मदद करेगा। साथ ही, यह परियोजना पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक आदर्श उदाहरण होगी।
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