Lucknow News : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस की वेबसाइट लॉन्च, एससीआर को एआई हब बनाने का दावा, 40 करोड़ रुपये मिलेगी छात्रवृत्ति

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस की वेबसाइट लॉन्च, एससीआर को एआई हब बनाने का दावा, 40 करोड़ रुपये मिलेगी छात्रवृत्ति
UPT | चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस की वेबसाइट जांच।

Jan 06, 2025 18:20

यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सोमवार को लखनऊ में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) के यूपी कैंपस की वेबसाइट और  शैक्षणिक सत्र 2025-26 का प्रॉस्पेक्टस लॉन्च किया।

Jan 06, 2025 18:20

Lucknow News : यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सोमवार को लखनऊ में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) यूपी कैंपस की वेबसाइट और शैक्षणिक सत्र 2025-26 का प्रॉस्पेक्टस लॉन्च किया। लखनऊ और आसपास के पांच अन्य जिलों को मिलाकर बने राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) उन्‍नाव में यह कैंपस विश्‍व स्‍तरीय सुविधाओं से युक्‍त होगा। गोमतीनगर के विभूति खंड स्थित पीएचडी चैंबर में आयोजित लांच सेरेमनी में कैंपस बनने से इस पूरे रीजन को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हब बनने का दावा किया गया। कैंपस में 45 भविष्योन्मुखी (future-oriented) पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी। इसमें डेटा साइंस और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्‍नातक (यूजी) और परास्‍नातक (पीजी) के कोर्स भी होंगे।

यूपी कैंपस शिक्षा क्षेत्र में लाएगा क्रांति 
इस मौके पर मीडिया से बातचीत में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि देश की टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में से एक चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने यूपी में अपना कैंपस स्थापित किया है। यह कैंपस देश के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाएगा। एआई सक्षम यूनिवर्सिटी शुरू करने का यह समय बिल्कुल उपयुक्त है। क्योंकि राज्य सरकार पहले से ही लखनऊ में 70 एकड़ क्षेत्र में 10,732 करोड़ रुपये के बजट से भारत की पहली एआई सिटी विकसित कर रही है। जो अगले पांच वर्षों में युवाओं के लिए 50 हजार नौकरियां पैदा करेगी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के छात्रों के लिए घर बैठे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ और किफायती बनाएगी।



एआई से भारत में नवाचार और विकास को मिलेगी गति
राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कहा भारत उन पहले देशों में से एक था, जिसने राष्ट्रीय एआई रणनीति के माध्यम से एक समग्र रणनीति विकसित की। भारत ने इस विजन पर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है और 10,371.92 करोड़ रुपये के बजट के साथ 'इंडिया एआई मिशन' स्थापित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इसका उद्देश्य पूरे देश में एआई तकनीकों को तेजी से अपनाने और एकीकृत करने के साथ-साथ नवाचार, आर्थिक विकास और डिजिटल युग में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। 

भातर की एआई क्रांति में अहम भूमिका
कुलाधिपति ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। एआई क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यूपी ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ में भारत के पहले एआई सिटी की स्थापना की है। संधू ने कहा कि यूपी उच्च शिक्षा में देश में एक अनूठी स्थिति रखता है। युवा आबादी, जिसकी औसत आयु वर्तमान में 21 वर्ष है और जो 2030 तक बढ़कर 26 वर्ष हो जाएगी, भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्तमान में, राज्य की सकल नामांकन दर (GER) 25.6 प्रतिशत है। इसे 2035 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत 50 प्रतिशत तक बढ़ाना जरूरी है। 

प्रवेश के लिए पंजीकरण शुरू
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के निदेशक जय इंदर सिंह संधू ने कहा कि यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET 2025) पोर्टल अब उन छात्रों के लिए पंजीकरण के लिए खुला है। जो 2025-26 शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालय के उत्तर प्रदेश कैंपस में प्रवेश लेना चाहते हैं। CUCET एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश और छात्रवृत्ति परीक्षा है। जो शैक्षणिक उत्कृष्टता को पहचानती है और 100 प्रतिशत तक छात्रवृत्ति के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र के दौरान चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस में छात्रों को 40 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय वैज्ञानिक अनुसंधान में करियर बनाने वाले छात्रों को तीन करोड़ रुपये की ‘सीवी रमन छात्रवृत्ति’ प्रदान करेगा।

यूपी कैंपस में स्मार्ट शिक्षा 
संधू ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यूपी कैंपस एक स्मार्ट शिक्षा प्रणाली प्रदान करता है। जो नई पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। पारंपरिक STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के अलावा विश्वविद्यालय ने एआई को इंजीनियरिंग, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान, कानून और मानविकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी शामिल किया है। इससे 21वीं सदी के छात्र वैश्विक मुद्दों की गहरी समझ प्राप्त करते हैं और उन्हें एआई-आधारित कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार किया जाता है।

एआई से बढ़ेंगी रोजगार की संभावना
फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय आईटी और परामर्श कंपनी कैपजेमिनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि एआई वैश्विक तकनीकी प्रगति के केंद्र में है। जिसमें उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और सामाजिक संरचनाओं को बदलने की क्षमता है। एआई से रोजगार के नुकसान के मिथक को खारिज करते हुए जैन ने कहा कि वास्तव में एआई न केवल मौजूदा नौकरियों को बदल सकता है, बल्कि नए अवसर भी पैदा कर सकता है। एआई संचालित परिवर्तन के साथ 2023 में भारत का कार्यबल 42.37 करोड़ से बढ़कर 2028 तक 45.76 करोड़ हो जाएगा। जिसमें 3.38 करोड़ से अधिक श्रमिकों की शुद्ध वृद्धि होगी। 

तकनीकी क्षेत्र में 2028 तक 27 लाख नई नौकरियां
जैन ने कहा कि 2028 तक भारत में तकनीक से सम्बंधित क्षेत्रों में अनुमानित 27 लाख नई नौकरियां उत्पन्न होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एआई पेशेवरों की मांग बनी हुई है। वार्षिक वृद्धि दर 14 प्रतिशत से 47 फीसदी के बीच है। भारतीय कंपनियों का लगभग 75 प्रतिशत पहले से ही एआई निवेश पर सकारात्मक रिटर्न देख रहा है, जो व्यावसायिक प्रदर्शन पर इस तकनीक के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है। भारतीय कंपनियां एआई को अपनाने में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और नवाचार और परिचालन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए इसकी क्षमता को पहचान रही हैं।

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