मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम ने समारोह में उपस्थिति चिकित्सकाें और मेधावी छात्रों से कहा कि संकट के समय में ही किसी भी व्यक्ति या संस्थान की असली पहचान होती है।
केजीएमयू 120वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए सीएम योगी : बोले- संकट में होती है व्यक्ति-संस्थान की पहचान
Dec 21, 2024 16:34
Dec 21, 2024 16:34
67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट
केजीएमयू के इस ऐतिहासिक मौके पर सीएम योगी ने 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किए। उन्होंने ने कहा जब चुनौती आती है, तो कई लोग बड़ी बातें करते हैं और पीछे हट जाते हैं। लेकिन वही लोग सफलता की ओर बढ़ते हैं, जो मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ते हैं। हमें कभी हार नहीं माननी है, बल्कि हमें अपने संस्थान के गौरव को और बढ़ाना है।
केजीएमयू की सफलता की यात्रा
सीएम योगी ने संस्थान की सफलता की यात्रा के बारे में कहा कि केजीएमयू का इतिहास अत्यधिक प्रेरणादायक है। 1905 में जब मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी, तब रियासतों ने सहयोग किया था और केवल 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई थी। आज केजीएमयू ने अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े और अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में पहचान बना ली है। वर्तमान में, यह संस्थान लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और निरंतर प्रगति की दिशा में बढ़ रहा है।
अगले 100 वर्षों के लिए लक्ष्य तय करें
सीएम योगी ने कहा कि संस्थान को अगले 100 वर्षों के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने संस्थान को सभी आवश्यक संसाधन प्रदान किए हैं, और अब संस्थान को सेवाओं को और बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केजीएमयू का हर विद्यार्थी और चिकित्सक अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करें और संस्थान का गौरव और बढ़े।
कोविड-19 महामारी के दौरान केजीएमयू की भूमिका
सीएम योगी ने कोविड-19 महामारी के दौरान केजीएमयू की भूमिका की सराहना की और कहा कि संस्थान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया। उन्होंने कहा केजीएमयू ने महामारी के दौरान अपनी कड़ी मेहनत और तत्परता से एक मिसाल पेश की। एक ओर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वे निगेटिव पाए गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया, जबकि केजीएमयू ने पूरे समय बिना किसी रुकावट के काम किया।
उन्नति के लिए जरूरी उपाय
सीएम ने संस्थान के चिकित्सकों और कर्मचारियों से कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि संस्थान को रोगियों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, और टेलीमेडिसिन जैसी नई सुविधाओं पर विचार करना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मामलों के लिए मानसिक रोग विभाग के विस्तार पर भी जोर दिया, क्योंकि दिन-ब-दिन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग अब एक नई चुनौती बन चुका है और इसके लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है।
उपकरणों-परियोजनाओं के लिए नई धनराशि की स्वीकृति
सीएम ने कहा कि सरकार ने संस्थान के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और लैब्स के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है। इसके अतिरिक्त, सर्जरी विभाग के लिए एक नई बिल्डिंग के निर्माण के लिए 377 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसी तरह, फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़ रुपये, और लारी कार्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
चिकित्सकों से संवेदनशीलता की अपील
सीएम ने चिकित्सकों से यह भी अपील की कि वे मरीजों के साथ अपने व्यवहार में संवेदनशीलता बनाए रखें, क्योंकि बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार हमेशा याद रहता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के लिए उनकी सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदनाएं होती हैं। यदि डॉक्टर अपने मरीजों के प्रति संवेदनशील रहते हैं, तो बाकी स्टाफ भी इस व्यवहार को आत्मसात करेगा। इस तरह के व्यवहार से मरीजों को अधिक राहत मिलती है, और यह सेवा और शिक्षा दोनों में एक मानक स्थापित करता है।
समारोह में प्रमुख लोग उपस्थित रहे
समारोह में केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, IIT कानपुर के निदेशक प्रो. मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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