सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा क्षेत्र में की गई भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। इनमें से अधिकांश भर्तियां पिछली सरकारों के कार्यकाल में लंबित पड़ी हुई थीं और उन्हें पूरा करने में उनकी सरकार ने सफलता प्राप्त की।
पिछली सरकार की बदनीयती के कारण नहीं मिली नौकरियां : सीएम योगी बोले- शिक्षा विभाग में की 1.60 लाख से अधिक भर्तियां, सपा को दिखाया आईना
Dec 17, 2024 16:00
Dec 17, 2024 16:00
पिछली सरकारों की नीतियों पर उठाए सवाल
सीएम योगी ने शिक्षा क्षेत्र में की गई भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। इनमें से अधिकांश भर्तियां पिछली सरकारों के कार्यकाल में लंबित पड़ी हुई थीं और उन्हें पूरा करने में उनकी सरकार ने सफलता प्राप्त की। उन्होंने ने यह भी बताया कि राज्य में उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है, जो विभिन्न विभागों से अधियाचन लेकर नियुक्तियों की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। पिछली सरकारों ने भर्तियों के मामले में गंभीरता से काम नहीं किया, जिसके कारण कई पद खाली रह गए थे। सीएम ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने इन भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पूरा किया है।
शिक्षामित्रों को भर्ती प्रक्रिया में वेटेज की सुविधा
पिछली सरकारों पर शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया था, जिनकी नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने उनके लिए विकल्प तलाशते हुए उन्हें मानदेय पर कार्य जारी रखने का मौका दिया। सीएम ने यह भी कहा कि इन शिक्षामित्रों को भर्ती प्रक्रिया में वेटेज दिया गया और उनकी सेवाओं को भी सम्मानित किया गया।
युवाओं के लिए पारदर्शी-निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया
सीएम योगी ने बेरोजगारी और राज्य के युवा वर्ग के लिए किए गए प्रयासों को बताते हुए कहा कि यूपी दुनिया का सबसे युवा राज्य है, जिसमें 56 से 60 प्रतिशत आबादी कार्यबल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ अवसर देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इस दिशा में, उनकी सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम-2024 को पारित किया, ताकि परीक्षा की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ हो और किसी भी युवा को सिर्फ उसके प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर अवसर मिले।
शिक्षक भर्तियों में आरक्षण-योग्यता पर फोकस
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया का विस्तार से ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि ये शिक्षक पिछले चार सालों से स्कूलों में शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था के तहत 18 हजार पद आरक्षित थे, लेकिन इस श्रेणी में 32,200 से अधिक युवाओं की भर्ती हुई है। इसी तरह, अनुसूचित जाति के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण के तहत 12 हजार पद आरक्षित थे, लेकिन इस श्रेणी में 14 हजार से अधिक नियुक्तियां की गईं।
भर्ती में योग्यता और मेरिट को प्राथमिकता
सीएम योगी ने इस बात को स्पष्ट किया कि सामान्य वर्ग के लिए 34,500 पद थे, लेकिन इनमें से केवल 20,000 पदों पर ही भर्ती हो पाई। उन्होंने इसे उदाहरण के रूप में पेश करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि भर्ती में योग्यता और मेरिट को प्राथमिकता दी जा रही है, और जिन उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता से आगे बढ़कर सफलता प्राप्त की, उन्हें भी जनरल कैटेगरी के पदों का लाभ दिया गया है।
राजनीतिक विभाजन की कोशिशों को नकारा
सीएम योगी ने यह भी कहा कि कुछ लोग जातिवाद और राजनीति से प्रेरित होकर समाज में बंटवारा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी सरकार ऐसे प्रयासों को सफल नहीं होने देगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य के सभी वर्गों के बीच समानता और समरसता बनाए रखना है।
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