दयाशंकर सिंह ने कहा कि बसपा चाहे जितनी तैयारी कर ले, उपचुनाव में जीत भाजपा की ही होगी। यहां तक की अखिलेश यादव के इस्तीफे से रिक्त मैनपुरी की करहल विधानसभा पर भी भाजपा का कब्जा होगा। दयाशंकर सिंह ने बसपा के मैदान में उतरने से भाजपा के समीकरण बिगड़ने और चुनौती पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का सभी 10 सीटों पर जीत का दावा : बोले-करहल में भी खिलेगा कमल, ओमप्रकाश राजभर ने किया किनारा
Aug 12, 2024 00:24
Aug 12, 2024 00:24
- दयाशंकर सिंह बोले- बसपा के उम्मीदवार उतारने से नहीं पड़ेगा फर्क
- भ्रम फैलाकर इस बार जीत हासिल नहीं कर पाएगा विपक्ष
- बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल बोले- सपा का पीडीए परिवार दल अलायंस
बसपा उम्मीदवारों के उतरने से चुनौती नहीं
दयाशंकर सिंह ने रविवार को कहा कि बसपा चाहे जितनी तैयारी कर ले, उपचुनाव में जीत भाजपा की ही होगी। यहां तक की अखिलेश यादव के इस्तीफे से रिक्त मैनपुरी की करहल विधानसभा पर भी भाजपा का कब्जा होगा। दयाशंकर सिंह ने बसपा के मैदान में उतरने से भाजपा के समीकरण बिगड़ने और चुनौती पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है। पार्टी पहले भी उपचुनाव लड़ चुकी है। बीच के कालखंड में उसने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे। अब अगर वह फिर उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतार रही है तो, ये उनका अपना निर्णय है। भाजपा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम सभ की सभी 10 सीटें जीतेंगे।
मोदी योगी के नाम-काम पर जनता के बीच जाएगी भाजपा
उन्होंने उपचुनाव को लेकर भाजपा की तैयारी पर कहा कि हमारे यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने जो काम किया है, उसे लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। हमारी सरकार ने विकास का काम किया है। कानून व्यवस्था को लेकर अच्छा काम किया गया है। आम आदमी को आज मोदी योगी राज में राहत मिल रही है, इसके आधार पर हम चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।
विपक्ष को भ्रम फैलाकर इस बार नहीं मिलेगी जीत
दयाशंकर सिंह ने कहा कि पिछली बार भाजपा थोड़ा पिछड़ गई। लेकिन, हम चार चुनाव लगातार जीतते आए हैं। 2017, 2018, 2019 और 2022 में भाजपा ने जीत हासिल की। इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष के लोगों ने अफवाह फैला दी कि भाजपा सत्ता में आने के बाद आरक्षण बदल देगी। 400 पार सीटें जीतने के बाद संविधान बदल देंगे। इस वजह से भ्रम फैलाकर इन लोगों ने कुछ सफलता हासिल कर ली। लेकिन, ऐसी कामयाबी बार-बार मिलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की सभी 10 सीटों पर हम लोग जीत दर्ज करेंगे।
सपा में परिवार के लोगों को ही मिलता है टिकट
उन्होंने फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद अवधेश प्रसाद की रिक्त सीट मिल्कीपुर पर उनके बेटे को सपा उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पर कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है। सपा में ऐसा ही होता है। अखिलेश यादव ने पांच टिकट अपनी बिरादरी के लोगों को दिए, जिसमें उनके परिवार के ही सदस्य शामिल थे। अब इसी तरह अवधेश प्रसाद के बेटे को उम्मीदवार बनाने पर कोई आश्चर्य नहीं होगा। दयाशंकर सिंह ने कहा कि भाजपा में ये सब नहीं चलता। भाजपा में सामान्य कार्यकर्ता को लड़ाया जाता है, जो अपने कैडर का होता है। इस बार भी ऐसा ही होगा और हम जीत हासिल करेंगे।
ओमप्रकाश राजभर बोले- चुनाव लड़ेंगे नहीं, लड़ाएंगे
इस बीच एनडीए के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने उपचुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम लोग चुनाव लड़ेंगे नहीं बल्कि लड़ाएंगे। जो भी एनडीए का प्रत्याशी होगा, उसको जीताने के लिए हमारे कार्यकर्ता पूरी मेहनत करेंगे। दरअसल जिन रिक्त सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें सुभासपा के पास एक भी सीट नहीं रही, माना जा रहा है कि इसी वजह से ओमप्रकाश राजभर इन पर अपना दावा नहीं कर रहे हैं। एक अन्य सहयोगी दल निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने अपने प्रत्याशी उतारने की बात की है।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया जीत का दावा, सपा पर कटाक्ष
उधर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि उपचुनाव में सभी सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशी लड़ाने जा रही है। इसमें हमे जीत मिलेगी। उन्होंने सपा के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अलपसंख्यक समीकरण के तहत जीतने की रणनीति पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विश्वनाथ पाल ने कहा कि सपा के पीडीए का मतलब 'परिवार दल अलायंस' है। असली पीडीए के लिए वो कहां काम करते हैं, अगर पीडीए के लिए काम करते तो आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के मुंह बंद हो गए हैं। केवल अकेली बहनजी मायावती हैं, जो एससी-एसटी के आरक्षण के लिए लड़ रही हैं।
इन 10 सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम होगा घोषित
प्रदेश में विधानसभा की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें अलीगढ़ जिले की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मीरजापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सपा के पास थीं। जबकि, खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा के पास, मझवा सीट निषाद पार्टी और मीरापुर से राष्ट्रीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी। निर्वाचन आयोग ने अभी उपचुनाव को लेकर कार्यक्रम घोषित नहीं किया है।
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