लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भवनों भूखण्डों के नामांतरण की प्रक्रिया और सरल कर दिया है। अब सम्पत्त अनुभाग ऑनलाइन जमा कराए जाने वाले नामांतरण शुल्क का खुद सत्यापन कराएगा।
अब आसानी से करा सकेंगे दाखिल खारिज : एलडीए ने सरल की प्रक्रिया
Sep 30, 2024 22:31
Sep 30, 2024 22:31
एसओपी जारी किया
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में आवासीय व व्यावसायिक सम्पत्ति लेने वाले आवंटियों द्वारा आवश्यकतानुसार नामांतरण की कार्यवाही करायी जाती है। जनहित गारंटी अधिनियम से आच्छादित सेवा होने के चलते नामांतरण की कार्यवाही 60 दिन में पूरी करा दी जानी चाहिए। लेकिन, कुछ जटिल प्रक्रियाओं के चलते कार्यवाही में ज्यादा समय लगता है। कुछ प्रकरण तो एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। बीते शनिवार को लंबित फाइलों के निस्तारण के लिए आयोजित 'सिंगल टेबल क्लीयरेंड डे' पर ऐसे कुछ प्रकरण सामने आए। इस पर नामांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए एसओपी जारी किया गया है।
सात दिन में पूरी होगी कार्यवाही
अपर सचिव ने बताया कि अब से नामांतरण के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने पर नोडल ऑफिसर द्वारा उसी दिन प्रभारी अधिकारी-सम्पत्ति को कार्यवाही के लिए आगे बढ़ा दिया जाएगा। जिसे प्रभारी अधिकारी द्वारा परीक्षण के लिए सम्बंधित योजना सहायक को उसी दिन अथवा अगले दिन प्रेषित किया जाएगा। योजना सहायक द्वारा आवेदन प्रपत्र का फाइल से मिलान कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर खुद ही स्थल निरीक्षण करके रिपोर्ट फाइल पर अंकित की जाएगी। साथ ही समस्त देयकों को स्थापित करते हुए सूचना आलेख के साथ अपनी स्पष्ट संस्तुति प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी, स्तर-1 को भेजी जाएगी। यह समस्त कार्यवाही सात दिन के अंदर पूरी की जाएगी। योजना सहायक की संस्तुति से सहमत होने पर प्रभारी अधिकारी द्वारा नामांतरण शुल्क अथवा प्रकाशन शुल्क जमा कराने के लिए आवंटी को उसी दिन ऑनलाइन सूचना भेजी जाएगी।
सम्पत्ति अनुभाग खुद करेगा शुल्क का सत्यापन
वर्तमान में प्रचलित प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदक के ऑनलाइन शुल्क जमा करने पर सम्पत्ति अनुभाग द्वारा जमा धनराशि के सत्यापन के लिए फाइल लेखानुभाग में भेजी जाती है। इससे अनावश्यक रूप से फाइल का मूवमेंट बढ़ता है, जिससे कार्यवाही में विलम्ब होता है। अब उपाध्यक्ष द्वारा इस प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। इसके अनुसार अब से सम्पत्ति अनुभाग द्वारा यूटीआर-आईएमपीएस नम्बर के माध्यम से स्वयं ही धनराशि का सत्यापन किया जाएगा। नामांतरण की कार्यवाही के पश्चात फाइल लेखानुभाग को सत्यापन के लिए प्रेषित की जाएगी। इसमें त्रुटि मिलने पर नामांतरण को निरस्त करते हुए नामांतरण शुल्क ब्याज सहित जमा कराया जाएगा।
सर्टिफिकेट जारी होते ही पोर्टल पर अपडेट होगी सूचना
अगर नामांतरण उत्तराधिकार के फलस्वरूप हो रहा है तो जनसम्पर्क अनुभाग द्वारा समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित कराकर पांच दिन के अंदर इसकी प्रति सम्बंधित योजना सहायक को ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएगी। विज्ञप्ति प्रकाशन की नियत अवधि पूरी होने पर योजना सहायक तीन दिन के अंदर अपनी संस्तुति प्रभारी अधिकारी को आवेदन स्वीकृत अथवा निरस्त करने के लिए प्रेषित करेगा। प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी, स्तर-2 द्वारा एक कार्य दिवस में आवेदन को ऑनलाइन स्वीकृत/निरस्त किया जाएगा तथा स्वीकृति की दशा में म्यूटेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर फाइल में लगाया जाएगा। इसी के साथ प्राधिकरण के पोर्टल पर भी नामांतरण की सूचना दर्ज करायी जाएगी।
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