परिवार नियोजन को सीमित प्रजनन से आगे बढ़ाने की दरकार : यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर

यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर
UPT | विश्व गर्भनिरोधक दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदेशस्तरीय मंथन सत्र

Sep 26, 2024 21:36

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि हमें परिवार नियोजन को केवल कुल प्रजनन दर तक सीमित रखने की बजाय, इसे समुदाय के हर स्तर तक पहुंचाने के लिए पांच सूत्रीय रणनीति अपनानी होगी। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन और युवाओं को यौन शिक्षा के माध्यम से जागरूक करना शामिल है।

Sep 26, 2024 21:36

Short Highlights
  • विश्व गर्भ निरोधक दिवस पर आयोजित हुआ प्रदेशस्तरीय मंथन 
  • तीन विभागों के प्रमुख सचिव हुए शामिल, दिए सुझाव
Lucknow News : परिवार नियोजन को सिर्फ कुल प्रजनन दर (TFR) तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए। यह विचार प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने विश्व गर्भनिरोधक दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदेशस्तरीय मंथन सत्र में साझा किया। होटल रैनेसा में आयोजित इस सत्र में स्वास्थ्य, महिला कल्याण, और समाज कल्याण विभागों के प्रमुख सचिवों ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए, परिवार नियोजन को युवाओं और महिलाओं तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए कई सुझाव दिए गए।

पांच सूत्रीय रणनीति अपनाने पर जोर
सत्र की शुरुआत करते हुए प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि हमें परिवार नियोजन को केवल कुल प्रजनन दर तक सीमित रखने की बजाय, इसे समुदाय के हर स्तर तक पहुंचाने के लिए पांच सूत्रीय रणनीति अपनानी होगी। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन और युवाओं को यौन शिक्षा के माध्यम से जागरूक करना शामिल है। उन्होंने विशेष रूप से सास-बहू-बेटा सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों की महत्ता पर बल दिया और कहा कि इनमें बेटे-बेटियों को गर्भधारण के बारे में बताया जाना चाहिए। 



योजनाओं के जरिए परिवार नियोजन का संदेश प्रसारित करने की नसीहत
महिला कल्याण और बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि उनके विभाग के कई कार्यक्रम, जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में सहायक हैं। इन योजनाओं के माध्यम से परिवार नियोजन का संदेश भी प्रसारित किया जा सकता है।

यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम में किया जाए शामिल 
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने पूरी संवेदनशीलता के साथ यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे नई पीढ़ी स्वतः ही परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है, और परिवार नियोजन से जुड़ी सेवाओं को हर प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुलभ रखा जाना चाहिए।

मेरठ की सीडीओ ने साझा किए अपने अनुभव
मेरठ की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नुपुर गोयल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके जिले में बाल विवाह रोकने और सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में कंडोम वितरण जैसे प्रभावी कदम उठाए गए हैं, जो परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार रहे हैं।

गर्भनिरोधकों के उपयोग, संचार, समन्वय और सहयोग पर जोर
सत्र का संचालन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के डॉ. गुंजन तनेजा ने किया, जिन्होंने कहा कि मंथन के दौरान गर्भनिरोधकों के उपयोग, संचार, समन्वय और सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। दूसरे सत्र में परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल और एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांश ओझा ने परिवार नियोजन के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और इसे और अधिक सशक्त बनाने के तरीकों पर चर्चा की।

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