Lucknow News : जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित बयान पर पूर्व मंत्री का फूटा गुस्सा, गिरफ्तारी की कर डाली मांग

जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित बयान पर पूर्व मंत्री का फूटा गुस्सा, गिरफ्तारी की कर डाली मांग
UPT | पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी

Dec 11, 2024 19:29

विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव द्वारा दिया गया धर्म विशेष के खिलाफ बयान अब उनके लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उनके द्वारा दिए गए फैसलों की समीक्षा करने की मांग उठ गई है।

Dec 11, 2024 19:29

Lucknow News : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के बीते दिनों दिए गए विवादित बयान को लेकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर ने बीते दिनों कहा कि ये भारत है और ये अपने बहुमत की इच्छा के अनुसार ही चलेगा। इसे लेकर अल्पसंख्यकों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने जज शेखर यादव के दिए गए फैसलों की जांच करवाने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। 

विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में दिया विवादित बयान
पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने बुधवार को कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कठमुल्लों का समर्थन देश के लिए घातक हो सकता है। यह बयान न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने जस्टिस यादव की टिप्पणी को सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। 



आपराधिक मामला दर्ज करने की उठाई मांग
पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि जस्टिस यादव मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं और अब न्यायपालिका की मर्यादा बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने जस्टिस यादव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें जेल भेजने की मांग की। अनीस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जस्टिस यादव ने अपने बयान से न केवल संविधान बल्कि मानवता के मूलभूत सिद्धांतों को भी चोट पहुंचाई है और जस्टिस यादव के अब तक दिए गए सभी फैसलों की समीक्षा की जाए और उनकी न्यायिक जिम्मेदारियों से तुरंत हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का इंतजार
इसी के साथ अनीस मंसूरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादित बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। न्यायपालिका की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अगली कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है। मंसूरी ने कहा कि इस विवाद ने भारतीय न्यायपालिका और धर्मनिरपेक्षता की गरिमा के प्रति नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट से न केवल जस्टिस यादव के बयान पर कार्रवाई की उम्मीद है, बल्कि यह भी उम्मीद है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

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