सीएम योगी के निर्देश पर राज्य में लंबित क्षतिपूर्ति मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस पहल के तहत रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 50 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
लक्ष्मीबाई महिला सम्मान : यूपी में जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को मिल रही आर्थिक मदद, सीधे खातों में पहुंच रही राशि
Nov 22, 2024 17:30
Nov 22, 2024 17:30
लंबित मामलों का निस्तारण प्राथमिकता पर
महिला कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों के 17 हजार 177 मामले विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। इनमें 701 मामले पुलिस नोडल अधिकारी स्तर पर, 7583 मामले नोडल चिकित्साधिकारी स्तर पर, और 8893 मामले जिला संचालन समिति स्तर पर अटके हुए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि इन सभी मामलों का निस्तारण नवंबर माह के अंत तक पूरा किया जाए। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समितियां इन मामलों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करेंगी, ताकि पीड़ित महिलाओं को समय पर राहत दी जा सके।
पुनर्वास के लिए मददगार साबित हो रही योजना
रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के तहत जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं को 1 लाख से 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि उनके इलाज, पुनर्वास, बच्चों की शिक्षा, और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। सीएम योगी ने इस योजना में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने न केवल योजना का बजट बढ़ाया है, बल्कि आम नागरिकों को इस कोष में योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया है। योगदानकर्ताओं को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत कर छूट का लाभ दिया जाता है।
महिला मानसिक सामाजिक रूप से हो रही सशक्त
सरकार ने एसिड अटैक, बलात्कार, और घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं की पीड़ित महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार किया है। यह योजना न केवल पीड़िताओं की आर्थिक मदद करती है, बल्कि उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनने में भी मदद करती है।
सीधे खाते में पहुंचती है सहायता राशि
इस योजना के तहत पीड़िताओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ है, जिससे महिलाओं को समय पर मदद मिलती है। सरकार की यह पहल महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रही है। एसिड अटैक और बलात्कार जैसी घटनाओं की पीड़िताओं को अब एक नई पहचान और आत्मविश्वास मिल रहा है।
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