मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि परिवारिक विवादों को लेकर जब लोग अदालत आते हैं तो वह किसी की नहीं सुनते। लेकिन अधिवक्ता जहां कहता है वो वहां आंख बंद करके साइन कर देते हैं।
लोहिया विवि दीक्षांत समारोह : सीएम योगी बोले- पीड़ित का अधिवक्ता पर विश्वास सबसे बड़ी पूंजी
Jul 13, 2024 18:46
Jul 13, 2024 18:46
- योगी आदित्यनाथ ने कहा-बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय बेहद अहम
- मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को दी बधाई
सुशासन की पहली शर्त है विधि का शासन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है विधि का शासन। न्याय संगत व्यवस्था हर व्यक्ति को प्रिय है और न्याय समय पर हो, समयबद्ध तरीके से हो, इसके लिए उस क्षेत्र के विशेषज्ञ उतने ही अहम होते हैं। विधि के इस शासन के लिए ही आज भारत जाना जा रहा है। आमजन और देश और दुनिया की धारणा बदलने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय एक सही राह पर आगे बढ़ चुका है। यहां के उपाधि प्राप्त करने वाले जितने भी स्नातक, परास्नातक और शोध करने वाले छात्र हैं, वे अपने कार्यों के माध्यम से न सिर्फ विश्वविद्यालय को बल्कि समाज और राष्ट्र को लाभान्वित करके अपने अभिभावकों और अपने गुरुजनों को गौरवान्वित करने का कार्य करेंगे।
सीएम योगी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का किया स्वागत
सीएम योगी ने भारत के मुख्य न्यायधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के अंदर विधि का शासन हो, अच्छे विधि विशेषज्ञ स्नातक, परास्नातक और शोध की डिग्री लेने के बाद जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण के अभियान का हिस्सा बन सकें, इसके प्रति यहां के छात्रों के अंतःकरण की जिजीविषा के कारण ही आज यह संयोग देखने को मिल रहा है कि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में भारत के मुख्य न्यायधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। इससे पहले भी दो दीक्षांत समारोह में उनका आशीर्वाद यहां के विद्यार्थियों को प्राप्त होता रहा है। उच्चतम न्यायालय में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश वासियों के लिए और न्याय जगत के लिए अविस्मरणीय पल रहा है। आज भी उत्तर प्रदेश का वासी, न्याय जगत में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति बड़े ही सकारात्मक भाव से उनकी बातों की सराहना करता है।
जीवन में राष्ट्र होना चाहिए सर्वोच्च
सीएम योगी ने कहा कि बदलाव की राह सकारात्मक या नकारात्मक होगी ये हमको तय करना है। यदि हमारी राह सकारात्मक होगी तो आपकी राह न्यायिक जगत ही नहीं, जीवन के हर एक क्षेत्र में बहुत उज्ज्वल होगी। अगर राह नकारात्मक होगी तो यह न आपके, न समाज के और न ही राष्ट्र के हित में होगी। इस अवसर पर एक पुरानी कहावत याद आती है कि परिवार के हित में व्यक्ति को छोड़ना पड़े तो हमें उसमें परहेज नहीं करना चाहिए। वहीं, गांव के हित में परिवार को भी छोड़ना पड़े तो परहेज नहीं करना चाहिए। और अगर समाज के हित में गांव से परहेज करना पड़े तो भी हमें उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए। यदि राष्ट्र के हित में इन सबसे अलग हटना पड़े तो राष्ट्र हमारे जीवन में सर्वोच्च होना चाहिए। जब इस ध्येय के साथ हम कार्य करते हैं तो यह छोटी बातें आपको प्रभावित नहीं कर पाएंगी।
चुनौती का डट कर सामना करने पर मिलेंगे सुखद परिणाम
योगी आदित्यनथ ने कहा कि प्राचीन गुरुकुल की परंपरा में दीक्षांत एक समावर्तन समारोह के रूप में होता था। उस समय यह मान्यता थी कि जो भी यहां से स्नातक निकलेगा वह इतना परिपक्व होगा कि सारी परीक्षाओं को पास करके अपने भावी जीवन को आगे बढ़ाएगा। अगर हम भी अपने जीवन में बिना किसी चुनौती की परवाह किए खुद को ढालेंगे, उसका परिणाम हमारे हित में सुखद होगा। हमारे समाज और देश के हित में सुखद होगा। हम भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जाकर बहुत कुछ नया कर पाएंगे।
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