बदलता उत्तर प्रदेश : लखनऊ-कानपुर राजमार्ग बनेगा यूपी का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा, तैयार किया गया मास्टर प्लान

लखनऊ-कानपुर राजमार्ग बनेगा यूपी का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा, तैयार किया गया मास्टर प्लान
UPT | लखनऊ-कानपुर राजमार्ग बनेगा यूपी का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा।

Sep 06, 2024 01:14

योजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को एक प्रमुख आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित करना है।

Sep 06, 2024 01:14

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक गलियारे को बनाने की कवायद तेज हो गई है। लखनऊ-कानपुर का 80 किलोमीटर राजमार्ग प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे क्षेत्र का कायाकल्प करने वाली इस योजना का मास्टर प्लान तैयार करने का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सौंपा था। इस पर यूपीसीडा ने एक्स-लीडा (लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण) मास्टर प्लान-2041 तैयार किया है। इसे गुरुवार को जारी कर दिया गया है।

इन गांवों को अधिसूचित क्षेत्र के रूप में किया गया है शामिल
योजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को एक प्रमुख आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित करना है। इसके तहत लखनऊ के 45 और उन्नाव जिले के 40 गांवों को अधिसूचित क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है, जो करीब 300 वर्ग किलोमीटर में फैले हैं। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर नई दिल्ली को परामर्शदाता नियुक्त किया गया है।

बनाए गए हैं पांच जोन
मास्टर प्लान में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और लखनऊ रिंग रोड को मौजूदा एनएच-27 के साथ जोड़ा गया है। इन सभी परियोजनाओं को मल्टी मॉडल ट्रांजिट और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित किया जाएगा। निर्बाध परिवहन का सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिलेगा और उनकी फसल की बेहतर कीमत मिलेगी। प्लान के तहत पांच जोन बनाए गए हैं, जो वेयरहाउसिंग एग्लोमेरेशन, आवासीय विकास, एक्सप्रेसवे और रिंग रोड पर आधारित हैं। इनमें लखनऊ-कानपुर हाईवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लखनऊ आउटर रिंग रोड और कानपुर रिंग रोड शामिल हैं, जो लखनऊ और कानपुर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर लॉजिस्टिक की समस्याएं दूर करेंगे।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर 
मास्टर प्लान को अमल में लाने के लिए यूपीडा, यूपीडीआईसी, पंचायती राज कार्यालय, सीटीसीपी, राज्य पर्यटन विभाग, यूपीपीसीबी, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कमिश्नर-लखनऊ, और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण को जोड़ा गया है। इसमें टेनरियों के असर, नवाबगंज बर्ड सेंक्चुरी को पर्यटन स्थल के रूप में शामिल करने और सड़कों को चौड़ा करने पर खास जोर रहेगा। लखनऊ-एससीआर (स्टेट-सेंट्रल-रीजन) का विकास दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर होगा। यह पहल न सिर्फ निजी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि आसपास के इलाकों का कायाकल्प कर देगी। रोजगार के अवसर कई जिलों में फैलने से शहरों की भीड़ घटाने में भी मदद मिलेगी।

यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और निर्देशों के तहत यूपीसीडा ने एक्स-लीडा मास्टर प्लान 2041 तैयार किया गया है। इससे न सिर्फ तीव्र आर्थिक विकास होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मास्टर प्लान प्रदेश को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स का हब बनाएगा। इस पहल से लखनऊ, उन्नाव और कानपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा बनेगा। लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाले हाईस्पीड डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एकीकरण राज्य राजधानी क्षेत्र की मजबूत नींव रखेगा।

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