लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र उज्जवल मिश्रा ने अपने हुनर के जरिए कला की दुनिया में नई पहचान बनाई है। विश्वविद्याल के ललित कला संकाय में मूर्ति कला विभाग के बीएफए छात्र उज्जवल ने मंडाला शैली में एशिया की सबसे बड़ी कलाकृति बनाकर अपनी कला का लोहा मनवाया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र ने मनवाया अपनी कला का लोहा : उज्जवल ने दीवार पर बनाई एशिया की सबसे बड़ी मंडाला कृति
Oct 21, 2024 15:44
Oct 21, 2024 15:44
कई रिकार्ड अपने नाम किए
आलमबाग के रहने वाले उज्जवल मिश्रा ने दीवार पर कलाकृति बनाकर कई रिकार्ड अपने नाम किए हैं। मंडाला आर्ट को एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में स्थान मिला है। उज्जवल ने बताया कि उनकी इस कृति में कई रंगों का इस्तेमाल किया गया है। पारंपरिक शैली का भी इस्तेमाल है। मंडाला आर्ट एक पारंपरिक कला शैली है। जिसमें जटिल और बारीक डिजाइन होते हैं। उज्जवल ने इसे बनाने के लिए कई महीनों तक इसकी बारीकियों को सीखा।
टाइपोग्राफिक चित्र के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति
उज्जवल मिश्रा ने अपनी कला यात्रा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इससे पहले उन्होंने "राम दरबार" नामक एक एक बड़े आकार का टाइपोग्राफिक चित्र बनाया था। जिसमें 50 हजार बार "सीता-राम" का नाम लिखा था। इस चित्र ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की।
23 घंटे में तैयार किया चित्र
उज्जवल के अनुसार, 'राम दरबार 'का यह चित्र केवल 23 घंटे में तैयार किया था। टाइपोग्राफिक चित्र के लिए उन्हें तीन रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। राम दरबार की तस्वीर में भगवान राम, हनुमान और देवी सीता का चित्र है। चित्र की लंबाई 69.29 इंच और चौड़ाई 264 सेंटीमीटर है।
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