परिवार नियोजन के महाप्रबंधक सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पुरुष नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थाई विधि के रूप में स्थापित करने का यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पिछले वर्ष 2022-23 में 2,968 पुरुषों ने नसबंदी कराई थी, जबकि इस वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 3,834 हो गई है, जो 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
यूपी में पुरुष नसबंदी में 29 प्रतिशत का इजाफा : दो चरणों में पखवाड़े की शुरुआत, आंकड़ा बढ़ाने पर जोर
Nov 20, 2024 17:47
Nov 20, 2024 17:47
दो चरणों में संचालित होगा अभियान
यह पखवाड़ा दो चरणों में संचालित होगा। इनमें पहला चरण 21-27 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस चरण में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें पुरुषों को परिवार नियोजन और नसबंदी के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। वहीं दूसरा चरण 28 नवंबर-4 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस चरण में स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क नसबंदी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इच्छुक पुरुष इस दौरान सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
अभियान की थीम: पति-पत्नी मिलकर बनाएं योजना
इस पखवाड़े की थीम है, 'आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें।' यह थीम इस विचार को बढ़ावा देती है कि परिवार नियोजन केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है, पुरुषों को भी इसमें सक्रिय भागीदार बनना चाहिए।
पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने का प्रयास
परिवार नियोजन के महाप्रबंधक सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पुरुष नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थाई विधि के रूप में स्थापित करने का यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पिछले वर्ष 2022-23 में 2,968 पुरुषों ने नसबंदी कराई थी, जबकि इस वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 3,834 हो गई है, जो 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। यह सफलता विभाग के चलाए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
जागरूकता अभियान के तहत गतिविधियां
- पखवाड़े के दौरान राज्य के सभी जिलों में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्थलों पर जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे।
- व्यक्तिगत परामर्श सत्र आयोजित होंगे।
- सास-बहू-बेटा सम्मेलनों और मिस्टर स्मार्ट सम्मेलनों का आयोजन होगा।
- सारथी वाहनों के माध्यम से नसबंदी से जुड़ी जानकारियां साझा की जाएंगी।
पुरुष नसबंदी प्रक्रिया चीरे और टांके से मुक्त होती है, जिससे किसी भी प्रकार की जटिलता का खतरा नहीं रहता। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि व्यक्ति जल्द ही अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है। यह विधि परिवार नियोजन में पुरुषों के स्थाई योगदान को सुनिश्चित करती है और परिवार की खुशहाली में मददगार है। इस अभियान के तहत नसबंदी से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य है कि नसबंदी को एक सरल और सकारात्मक प्रक्रिया के रूप में स्वीकारा जाए।
Also Read
20 Nov 2024 07:32 PM
निर्वाचन आयोग के मुताबिक शाम पांच बजे तक उत्तर प्रदेश की मीरापुर में 57.01 प्रतिशत, कुंदरकी में 57.7 प्रतिशत, गाजियाबाद में 33.3 प्रतिशत, खैर में 46.3 प्रतिशात, करहल में 54.1 प्रतिशत, सीसामऊ में 49.1 प्रतिशत, फूलपुर में 43.4 प्रतिशत, कटेहरी में 56.9 प्रतिशत और मझवां में 50.04 ... और पढ़ें