मायावती ने कहा कि बीजेपी के दलित सांसद बसपा संस्थापक मान्यवर कांशीराम को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने के बजाय केन्द्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाये।
भाजपा सांसद के कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग पर मायावती बोलीं : दलितों को गुमराह करना बंद करें
Jul 27, 2024 00:54
Jul 27, 2024 00:54
- बसपा सुप्रीमो बोलीं- भाजपा सांसद मांग करने के बजाय अपनी सरकार से कांशीराम को दिलवाएं भारत रत्न
- कांशीराम को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर केंद्र सरकारों पर हमलावर रही हैं मायावती
दलितों को गुमराह करना बंद करें
मायावती ने शुक्रवार को सोशल साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद बसपा के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर कांशीराम को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने के बजाय केन्द्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाएं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर बसपा भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें।
मायावती ने लंबे समय से कर रहीं मांग
मायावती ने इस वर्ष फरवरी में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा पर भी इस मुद्दे को उठाया थ। उन्होंने कहा था कि वर्तमान भाजपा सरकार ने जिन भी हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है उसका स्वागत है। लेकिन, इस मामले में खासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं। सरकार इस ओर भी जरूर ध्यान दे। मायावती ने कहा था कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लम्बे इंतजार के बाद वीपी सिंह सरकार ने भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया। उसके बाद दलित व उपेक्षितों के मसीहा मान्यवर कांशीराम का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं है। उन्हें भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाए।
भाजपा सांसद अरुण कुमार ने की ये मांग
इससे पहले भाजपा सांसद अरुण सागर ने संसद भवन में शून्य काल के दौरान बोलते हुए कांशीराम को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कांशीराम को बहुजन नायक के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। कांशीराम वास्तव में जमीन के कार्यकर्ता था। उनको भारत रत्न से सम्मानित करना सभी के लिए गर्व की बात होगी।
कांशीराम ने दलितों के लिए जीवन किया समर्पित
भाजपा सांसद अरुण सागर ने बताया कि कांशीराम को बहुजन नायक और मान्यवर के नाम से जाने जाते हैं। वह भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। जिन्होंने बहुजनों और देश के सबसे निचले स्तर पर अछूत समूहों सहित पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में वह जमीन कार्यकर्ता थे। उन्होंने सादगी से जीवन व्यतीत करते हुए दलितों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। किसी से छुपा नहीं है कि मान्यवर कांशीराम ने दलित राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। लेकिन, वह एक राजनीतिक से ज्यादा देश के दबे कुचले और पिछड़े समाज के उत्थान के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहे।
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