बसपा सुप्रीमो ने कहा कि साथ ही 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के पूर्व की आरक्षण व्यवस्था को बहाल करने के लिए केंद्र संविधान संशोधन की कार्रवाई करे, जिसको लेकर 21 अगस्त को इन वर्गों ने 'भारत बंद' का आह्वान किया गया है।
आरक्षण विरोधी सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगाने की जरूरत : मायावती ने लेटरल एंट्री रद्द होने पर दी प्रतिक्रिया
Aug 20, 2024 18:03
Aug 20, 2024 18:03
बसपा के तीव्र विरोध के कारण रद्द की गई लेटरल एंट्री
मायावती ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव व निदेशक आदि के उच्च पदों पर आरक्षण सहित सामान्य प्रक्रिया से प्रमोशन व बहाली के बजाय भारी वेतन पर बाहर के 47 लोगों की लेटरल नियुक्ति बीएसपी के तीव्र विरोध के बाद आज रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि लेकिन, ऐसी सभी आरक्षण विरोधी प्रक्रियाओं को हर स्तर पर रोक लगाने की जरूरत है।
भारत बंद के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से करें विरोध
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि साथ ही 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के पूर्व की आरक्षण व्यवस्था को बहाल करने के लिए केंद्र संविधान संशोधन की कार्रवाई करे, जिसको लेकर 21 अगस्त को इन वर्गों ने 'भारत बंद' का आह्वान किया गया है। उन्होंने इसे बिना कोई हिंसा के अर्थात् शांतिपूर्ण तरीके से करने की अपील की है।
नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारी होंगे प्रभावित
बसपा सुप्रीमो ने इससे पहले कहा कि केंद्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि और इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाये हुये भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी-एसटी समाज में नाराजगी
बसपा ने सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण के फैसले का विरोध किया है। इस मुद्दे पर 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद को बसपा का भी समर्थन है। पार्टी नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से इसमें शामिल होने को कहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि भारत बंद के दौरान जनता को खास कर दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक एवं न्याय पसंद लोगों को उप वर्गीकरण के बारे में जागरूक करें। सभी कार्यकर्ता अनुशासित एवं संवैधानिक तरीके से बड़ी संख्या में भारत बन्द में शामिल हों। पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने कहा है कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी-एसटी समाज में काफी गुस्सा है। फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है। हम सबका सहयोग करते हैं। सबके सुख-दु:ख में हमारा समाज शामिल होता है। लेकिन, आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है। 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीके से करारा जवाब देना है।
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