ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि इस संबंध में उनकी पूर्व में मायावती से बातचीत हो चुकी है, और अगर गठबंधन उन्हें नेतृत्व सौंपने को तैयार होता है, तो वे इसमें शामिल हो सकती हैं। लीडरशिप मिलने पर मायावती गठबंधन में शामिल होने से परहेज नहीं करेंगी।
मायावती INDIA में शर्त पर जाने को तैयार : ओपी राजभर के बयान से गरमाया सियासी पारा, अखिलेश यादव के लिए कह दी ये बात
Dec 11, 2024 16:09
Dec 11, 2024 16:09
लीडरशिप मिलने पर मायावती का इंडिया गठबंधन से परहेज नहीं
ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि इस संबंध में उनकी पूर्व में मायावती से बातचीत हो चुकी है, और अगर गठबंधन उन्हें नेतृत्व सौंपने को तैयार होता है, तो वे इसमें शामिल हो सकती हैं। लीडरशिप मिलने पर मायावती गठबंधन में शामिल होने से परहेज नहीं करेंगी। ओम प्रकाश राजभर के इस दावे से यूपी का सियासी पारा चढ़ गया है। बसपा की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मायावती लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन से दूरी बनाए हुए हैं। उन्होंने भविष्य में भी एकला चलो की राह पर चलने के संकेत दिए हैं।
राजभर के बयान से सियासी पारा चढ़ा, मायावती की एंट्री पर होने लगी चर्चा
ऐसे में जब इंडिया गठबंधन में नेतृत्व के मुद्दे पर खींचतान चल रही है। राहुल गांधी को अन्य दलों के नेता सिर्फ कांग्रेस नेता के रूप में स्वीकार करने की बात कर रहे हैं, वहां ओम प्रकाश राजभर का बयान अहम माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित अन्य नेता ममता बनर्जी को नेतृत्व सौंपने पर अपनी सहमति दे चुके है। लालू प्रसाद यादव ने तो यहां तक कह डाला कि कांग्रेस के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वहीं ममता बनर्जी भी बयान दे चुकी हैं कि अगर मौका मिला तो वह गठबंधन का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहतीं, लेकिन इसे यहीं से संचालित कर सकती हैं। इस माहौल में मायावती की इंडिया गठबंधन में एंट्री को लेकर फिर चर्चा तेज हो गई है। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यदि गठबंधन बसपा सुप्रीमो के नेतृत्व को स्वीकार करे, तो इसका बड़ा फायदा हो सकता है।
पीएम मोदी को पद पर बनाए रखना चाहती है जनता
राजभर ने मोदी सरकार की रणनीतियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि असली बात यह है कि लोग मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाए रखना चाहते हैं। इसी वजह से ये गठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं।। अभी देखिए संसद में गुलाब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मायवती का बड़ा जनाधार है और एक बड़ा दलित चेहरा हैं। 22.50 प्रतिशत उनका वोट है, उस वोट पर वह नेतृत्व करेंगी तो बेहतर होगा।
सपा आजम खान से करना चाहती है किनारा
सपा नेता की आजम खान चिट्ठी पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनका डर स्वाभाविक है। वास्तव में सपा अब आजम खान को किनारे लगाना चाहती है। इसलिए रामपुर के मुद्दे को पार्टी ने गंभीरता से नहीं उठाया और संभल को प्रमुखता दी। इससे साफ है कि सपा सिर्फ मुस्लिम वोटबैंक का फायदा लेना चाहती है, उनके हित की नहीं सोचती। वह चाहती है कि मुसलमान का वोट उसके साथ रहे, इसलिए सपा हमेशा मुसलमानों का बोरे भर वोट लेकर उनको झोरा पकड़ा देना चाहती है
राहुल गांधी की संभल पीड़ितों से मुलाकात वोट लेने का नाटक
अखिलेश यादव को इंडिया गठबंधन का नेता बनाए जाने की सपा की मांग पर राजभर ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का प्रभाव केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित है। उनके पास बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ या झारखंड में कोई बड़ा वोटबैंक नहीं है। ऐसे में सिर्फ मायावती ही इस गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं। संभल के पीड़ितों से राहुल गांधी की मुलाकात पर कहा राजभर ने इसे वोट लेने का नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा दोनों ही पार्टियां मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनके हितों के लिए काम नहीं करतीं।
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