नाराज उपभोक्ताओं ने कहा कि पावर कारपोरेशन से करोड़ों अरबों का ठेका लेकर बड़े ठेकेदार ज्यादा लाभ कमाने की कोशिश में कम संख्या में मीटर रीडर रखते हैं। उन्हें कम वेतन देकर बड़ा लाभ कमाते हैं और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
UP News : मीटर रीडर खिला रहे गुल, यूपीपीसीएल को टेबल बिलिंग से रेवेन्यू में हो रहा भारी नुकसान, उपभोक्ता नाराज
Nov 23, 2024 20:24
Nov 23, 2024 20:24
बेहद कम वेतन के कारण उपभोक्ताओं के वहां नहीं जा रहे मीटर रीडर
उपभोक्ताओं ने चर्चा करते हुए कहा अधिकांश जनपदों में उपभोक्ताओं की संख्या के अनुपात में जिनको ठेका दिया गया है, उन्होंने बेहद कम संख्या में मीटर रीडर रखे हैं। इस पर इन्हें नाम मात्र का वेतन दिया जाता है। इसलिए वह उपभोक्ताओं के घरों में जाने के बजाय टेबल रीडिंग करते हैं। हालत ये है कि अनेक जनपदों में तो तीन से चार महीने के बाद ही मीटर रीडर उपभोक्ता की रीडिंग लेने आता है। उपभोक्ताओं ने इसे लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
लाखों उपभोक्ताओं के बीच गिनती के मीटर रीडर
वेबिनार में विद्युत उपभोक्ता हरेंद्र कुमार, संदीप सिंह, इरफान अहमद, अनुराग माही, सानू कुमार, विनोद कुमार गुप्ता, संदीप कुमार गुप्ता, घुनु राम वर्मा और विनय चौबे आदि ने अपनी बात रखते हुए कहा जनपदों में ज्यादातर मीटर रीडरों को महज 4000 से 5000 रुपये वेतन दिया जाता है। उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता, जिसकी वजह से वह हमेशा अपने जुगाड़ में रहते हैं और एक ही स्थान पर बैठकर रीडिंग कर दी जाती है। नाराज उपभोक्ताओं ने कहा कि पावर कारपोरेशन से करोड़ों अरबों का ठेका लेकर बड़े ठेकेदार ज्यादा लाभ कमाने की कोशिश में कम संख्या में मीटर रीडर रखते हैं। उन्हें कम वेतन देकर बड़ा लाभ कमाते हैं और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
उपभोक्ता परिषद यूपीपीसीएल प्रबंधन से फिर करेगा शिकायत
वेबिनार में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ताओं ने जिस तरह से मीटर रीडरों की टेबल रीडिंग और गलत रीडिंग को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है, वह बेहद गंभीर विषय है। उपभोक्ता परिषद पहले से ही कई बार प्रबंधन के सामने इस मुद्दे को उठाया चुका है। अब एक बार फिर इस पर विस्तृत चर्चा पावर कारपोरेशन प्रबंधन से की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे ठेकेदार जो मीटर रीडिंग का ठेका लेकर कम संख्या में मीटर रीडर रखकर उपभोक्ताओं की गलत रीडिंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग उठाई जाएगी। हर हाल में सही बिलिंग होनी चाहिए और जो भी इस काम में लगाए गए मीटर रीडर हैं, उन्हें भी मिनिमम वेजेस के अनुसार अपनी जीविका चलाने के लिए एक उचित वेतन मिलने का अधिकार है।
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