उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विधान भवन स्तिथ अपने कार्यालय कक्ष में दुग्ध से जुड़े मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे जिन्हें मंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
प्रतिदिन 3.5 लाख किलो दुग्ध उत्पादन पर जोर : मंत्री धर्मपाल सिंह बोले- पराग के दुग्ध उत्पादों की मार्केंटिग पर विशेष फोकस किया जाए
Oct 15, 2024 02:06
Oct 15, 2024 02:06
बंद पड़ी दुग्ध समितियां पुनः चालू की जाएं
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि दुग्ध विकास विभाग का लक्ष्य प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है। दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों, पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का नियमित रूप से भुगतान कराना प्राथमिकता है। धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः चालू किए जाने और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न किये जाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि नन्द बाबा एवं गोकुल पुरस्कार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लाभार्थियों की चयन सूची तैयार कर उन्हें पुरस्कृत करने की तैयारी शीघ्र पूरी की जाए।
पराग के उत्पादों की मार्केटिंग पर फोकस
दुग्ध विकास मंत्री ने कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज डेयरी प्लांट का संचालन एनडीडीबी को दिये जाने के संबंध में हुई प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि जो भी औपचारिकताएं शेष या अधूरी हैं, उन्हें जल्द पूरा किया जाए। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई समितियों के गठन और पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उसे सुदृढ़ कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूरा किया जाए। धर्मपाल सिंह ने कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग कर विशेष ध्यान दिया जाए। किसानों एवं पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाए। वर्तमान भुगतान के साथ ही बकाया धनराशि का भी भुगतान कर इस प्रक्रिया को नियमित किया जाए। अवगत कराया गया कि वर्तमान में 18108 निबंधित समितियां हैं, जिसके सापेक्ष 7094 कार्यरत समितियां हैं। प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा 2 दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। गत एक माह में 775 कार्यरत एवं 459 अकार्यरत दुग्ध समितियां कुल 1234 दुग्ध समितियों में भ्रमण किया गया। 169 अकार्यरत समितियों को कार्यरत किया गया।
समितियों की संख्या बढ़ाये जाने पर जोर
इस दौरान दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन दुग्ध संघों द्वारा अभी भी दुग्ध मूल्य भुगतान में उदासीनता बरती जा रही है उनके द्वारा भुगतान कार्य गंभीरता से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में गठन, पुनर्गठन के सापेक्ष संचालित दुग्ध समितियां, दुग्ध समितियों द्वारा भ्रमण, डेयरी प्लांट की उपयोगिता क्षमता, दुग्ध उपार्जन, तरल दुग्ध बिक्री, बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान आदि की समीक्षा की गयी।
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