उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी : 2035 के बाद संबद्ध महाविद्यालय होंगे समाप्त

 2035 के बाद संबद्ध महाविद्यालय होंगे समाप्त
UPT | स्टूडेंट

Sep 27, 2024 11:54

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शासन के निर्देशों पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों से यूजीसी की उत्कृष्ट कॉलेज योजना के तहत आवेदन करने को कहा है।

Sep 27, 2024 11:54

Lucknow News : नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। इस नीति के अनुसार, 2035 तक विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की परंपरागत व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर उत्कृष्ट और स्वतंत्र महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इस नई व्यवस्था में स्वतंत्र महाविद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण संबंधित विश्वविद्यालयों के पास रहेगा। इससे शिक्षा प्रणाली को अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन मिलेगा, जोकि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाने की तैयारी शुरू
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में केवल 15 महाविद्यालय ही उत्कृष्ट (स्वायत्तशासी) हैं, जिनमें से सात उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित होते हैं। इनमें चार सहायता प्राप्त और तीन स्ववित्तपोषित महाविद्यालय (ऐसे विद्यालय जो केंद्रीय या राज्य सरकार से सीधे अनुदान प्राप्त नहीं करते) हैं। प्रदेश में अब तक कोई भी राजकीय महाविद्यालय स्वायत्तशासी नहीं है। हालांकि, शासन ने इस दिशा में कदम उठाते हुए अब राजकीय महाविद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने की नई पहल शुरू की है।

आवेदन प्रक्रिया शुरू
शासन के निर्देशों पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों से यूजीसी की उत्कृष्ट कॉलेज योजना के तहत आवेदन करने को कहा है। यह निर्देश विशेष रूप से नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप दिया गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि 2035 के बाद संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। इसके बाद केवल स्वायत्तशासी और स्वतंत्र महाविद्यालय ही शेष रहेंगे।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने यूजीसी उत्कृष्ट कॉलेज नियमन-2023 के अनुसार, अर्हता प्राप्त राजकीय महाविद्यालयों को इस योजना के तहत आवेदन करने का निर्देश दिया है। इस योजना का उद्देश्य महाविद्यालयों को स्वायत्तशासी बनने का अवसर प्रदान करना है, जिससे वे केंद्रीय योजनाओं के विभिन्न लाभ उठा सकें और अपने अकादमिक मानकों में सुधार कर सकें।

स्वायत्तशासी बनाना चुनौती
उत्तर प्रदेश में कुल 171 राजकीय महाविद्यालय हैं, जिनके लिए सरकार ने स्वायत्तशासी बनने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन आने वाले दिनों में सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को स्वायत्तशासी बनाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। प्रदेश में इन दोनों श्रेणियों के महाविद्यालयों की संख्या लगभग 6000 के करीब है, जिन्हें स्वायत्तशासी और स्वतंत्र महाविद्यालयों के रूप में तब्दील करना एक दीर्घकालिक प्रक्रिया हो सकती है।

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