बैठक के दौरान किशोरों से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं पर गहन मंथन हुआ, जिनमें कम उम्र में विवाह, मादक द्रव्यों का सेवन और हिंसा जैसे मुद्दे शामिल थे। उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में इन समस्याओं की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा नीतियों में सुधार और नए पाठ्यक्रमों का समावेश आवश्यक है।
एनपीईपी की बैठक : कम उम्र में शादी, किशोरों के मादक पदार्थों का सेवन और हिंसा पर मंथन, विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
Oct 21, 2024 19:09
Oct 21, 2024 19:09
34 राज्यों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
बैठक में देशभर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए लगभग 70 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके साथ ही 5 क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। सभी ने किशोरों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक कल्याण पर गहन विचार-विमर्श किया। इस बैठक में 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के किशोरों की चुनौतियों और उनके विकास के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किशोरों का विकास
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के अनुसार किशोरों के समग्र विकास के लिए टीम वर्क, मूल्य संवर्धन और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व पर मंथन हुआ। किशोरों को भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से परिचित कराने और उनके जीवन में इनका समावेश करने के लिए आवश्यक नीतियों पर जोर दिया गया। इस दौरान किशोरों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
एनपीईपी का उद्देश्य और आयुष्मान भारत के तहत कार्यक्रम
राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना (एनपीईपी) का प्रमुख उद्देश्य किशोरों को जनसंख्या और विकास के मुद्दों के प्रति जागरूक करना और स्वास्थ्य संबंधित विषयों में सशक्त बनाना है। इस वर्ष एनपीईपी की गतिविधियां आयुष्मान भारत के तहत चल रहे स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अनुरूप हैं, जहां किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता दी जा रही है।
किशोरों की समस्याओं पर गहन चर्चा
बैठक के दौरान किशोरों से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं पर गहन मंथन हुआ, जिनमें कम उम्र में विवाह, मादक द्रव्यों का सेवन और हिंसा जैसे मुद्दे शामिल थे। उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में इन समस्याओं की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा नीतियों में सुधार और नए पाठ्यक्रमों का समावेश आवश्यक है।
शिक्षा और सामाजिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता
बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि किशोरों की समस्याओं का समाधान शिक्षा और सामाजिक नीतियों में सुधार के माध्यम से किया जा सकता है। नए पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों को किशोरों के मानसिक, सामाजिक, और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
समापन समारोह में प्रमुख अधिकारी उपस्थित
समापन समारोह में कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रो. श्रीधर श्रीवास्तव, प्रो. गौरी श्रीवास्तव, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर गणेश कुमार, एससीईआरटी, यूपी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान, और राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य डॉ. भैरोलाल यादव जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।
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