यूपी में 20 लाख कर्मचारियों में मात्र 50 हजार लगा रहे बायोमेट्रिक अटेंडेंस : 5 सितंबर से मनमानी पड़ेगी भारी

5 सितंबर से मनमानी पड़ेगी भारी
UPT | CM Yogi Adityanath

Aug 30, 2024 11:22

प्रदेश में नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर कई बार रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बाद भी विभाग इस संबंध में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर सख्त रवैया अपनाया है।

Aug 30, 2024 11:22

Lucknow News : प्रदेश में सरकारी महकमे बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर गंभीर नहीं हैं। सरकार के निर्देशों का यहां पालन नहीं हो रहा है। इस वजह से पारदर्शी तरीके से काम करने की व्यवस्था परवान नहीं चढ़ पा रही है। हालात ये है कि सचिवालय और चुनिंदा विभागों को छोड़ दिया जाए तो सभी जगह पुरानी परिपाटी पर ही काम चल रहा है। शिक्षकों की समस्या को देखते हुए सरकार कुछ समय पहले इसे दो महीने के लिए स्थगित कर चुकी है। लेकिन, बाकी विभागों को रियायत देने का सरकार का मन नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर सख्त रवैया अपनाया है। इसके बाद 5 सितंबर से सभी विभागों को ई-ऑफिस व्यवस्था हर हाल में लागू करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री के सचिव एसपी गोयल ने इस संबंध में पत्र भी लिखा है। 

रिमांइडर भेजने के बाद भी विभाग बायोमैट्रिक अटेंडेंस को लेकर नहीं गंभीर
प्रदेश में नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर कई बार रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बाद भी विभाग इस संबंध में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। हालत ये है कि प्रदेश के 20 लाख के करीब कर्मचारियों में से महज 50 हजार ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस का पालन कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अब इस पर कड़ा रुख अपनाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की नाराजगी पर उनके सचिव एसपी गोयल ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने अनिवार्य रूप से ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

सचिवालय और लोकभवन में किया जा रहा पालन
उत्तर प्रदेश की नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की ओर से जून तक प्रदेश के सभी विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था। लेकिन, लोक भवन, सचिवालय और चुनिंदा विभाग छोड़कर कहीं इसका पालन नहीं किया गया।

मंडलों में हालत बेहद खराब
प्रदेश में मंडलों की स्थिति पर नजर डालें तो अलीगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, बरेली, आजमगढ़ और मीरजापुर मंडल में नाम मात्र की ई-फाइलिंग की गई हैं। वहीं लखनऊ, वाराणसी गोरखपुर और बस्ती मंडल में ई-फाइल प्रारम्भ नहीं हुआ हैं। इसके अलावा मुरादाबाद, देवीपाटन और अयोध्या मंडल में अभी तक ई-ऑफिस शुरू करने की भी जहमत तक नहीं की गई है।

जनपदों में की जा रही खानापूर्ति
जनपदों की बात करें तो 75 जनपदों में ई-ऑफिस को शुरू कर दिया गया है। 21 जनपदों में ई-फाइल मूवमेंट की स्थिति सन्तोषजनक है। वहीं 48 जनपदों में बेहद कम संख्या में ई-फाइल मूवमेंट की गई हैं। संभल, भदोही, प्रतापगढ़, अमरोहा, औरैया और कानपुर नगर में ई-फाइल मूवमेंट प्रारम्भ नहीं हुआ है। 

प्राधिकरण शासनादेश को लेकर गंभीर नहीं
विकास प्राधिकरणों के मामले में सहारनपुर और वाराणसी में ई-ऑफिस को शुरू कर दिया गया है। वहीं 27 विकास प्राधिकरणों में अभी तक ई-ऑफिस का काम प्रारम्भ नहीं हो सका है। रामपुर और जालौन में अब तक एजेंसी भी नामित नहीं की जा सकी है। इस तरह देखा जाए तो प्राधिकरणों की स्थिति भी बेहद खराब है। 

नगर निगमों का बुरा हाल
नगर निगमों की बात करें तो लखनऊ, बरेली, सहारनपुर और अलीगढ़ में ई-ऑफिस को शुरू कर दिया गया है। लखनऊ और अलीगढ़ में ई-फाइल मूवमेंट की स्थिति सन्तोषजनक है। नगर निगम बरेली में बेहद कम संख्या में ई-फाइल मूव की गई है। नगर निगम सहारनपुर में ई-फाइल क्रियेट करने व मूवमेंट का काम शुरू तक नहीं हुआ है। 13 नगर निगमों में अभी तक ई-ऑफिस शुरू नहीं किया गया है। इसके अलावा शाहजहांपुर नगर निगम में अब तक एजेंसी भी नामित नहीं की जा सकी है। ऐसे में आगे की प्रक्रिया का तो सवाल ही नहीं उठता।
 

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