लखनऊ विधानसभा का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रायबरेली के कोरवा बॉर्डर पर पुलिस ने चेकिंग कर रोक लिया। कुछ नेताओं को हाउस अरेस्ट भी किया गया, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया।
विधानसभा घेराव : कांग्रेस कार्यकर्ताओं का काफिला लखनऊ की ओर कूच, पुलिस ने चलाया कड़ा चेकिंग अभियान
Dec 18, 2024 17:08
Dec 18, 2024 17:08
चेकिंग अभियान और कड़ी सुरक्षा
जानकारी के मुताबिक, रायबरेली जिले से करीब 1000 कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लखनऊ विधानसभा घेराव के लिए जाना था। इस अभियान को विफल करने के लिए पुलिस ने चुरुवा बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा तैनात की है। इस दौरान पांच थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है, और इस अभियान की अगवाई क्षेत्र अधिकारी लालगंज कर रहे हैं। चेकिंग के दौरान कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को सीमा से वापस भेज दिया गया है।
कांग्रेसियों का विरोध और सरकार पर आरोप
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि रायबरेली पुलिस अपनी दबंगई दिखा रही है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लखनऊ जाने से रोकने के लिए उन्हें हाउस अरेस्ट किया जा रहा है। तिवारी ने कहा कि संविधान में प्रदर्शन करना और अपनी मांगें रखना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, जिसे पुलिस द्वारा छीनने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं, जिसमें अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और यूथ अध्यक्ष भी शामिल हैं, को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
कांग्रेस के नेताओं का बयान
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अतुल सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों का उपयोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट करने और लखनऊ नहीं जाने देने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई से जनता को यह साफ संदेश मिलता है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र के प्रति पूरी तरह निष्ठुर है। सिंह ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता लखनऊ में विधानसभा का घेराव करेंगे और इसके लिए किसी भी कीमत पर संघर्ष करेंगे।
2027 में भाजपा को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
अतुल सिंह ने आगे कहा कि भाजपा सरकार की यह तानाशाही जल्द ही उसका पतन करेगी। उन्होंने भविष्यवाणी की कि जनता यह सब देख रही है और इसका खामियाजा भाजपा को 2027 में भुगतना पड़ेगा। कांग्रेसियों का कहना है कि इसके बावजूद वे सभी नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए लखनऊ में विधानसभा घेराव के लिए पहुंचेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के संघर्ष को देखते हुए यह साफ है कि पार्टी ने अपनी मांगों को लेकर लखनऊ विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया है और यह आंदोलन राजनीतिक धरातल पर महत्वपूर्ण मोड़ लेने वाला है।
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