शांति भंग के मामले में शहर कोतवाली पुलिस की ओर से दी गई आख्या पर कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने जिला अस्पताल के डॉक्टर पर कार्रवाई की है। अस्पताल के स्टाफ ने इस कार्रवाई का विरोध किया है।
शांति भंग का मामला : पुलिस की आख्या पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जिला अस्पताल के डॉक्टर पर कार्रवाई की, स्टाफ ने जताई नाराजगी
Nov 11, 2024 01:41
Nov 11, 2024 01:41
सीएमएस ने नाराजगी जताई, कहा बिना अनुमोदन के नोटिस जारी किया गया
इस मामले में सीएमएस डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिना अनुमोदन के यह नोटिस जारी किया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टर शिवकुमार का शांति भंग में चालान करना गलत है इस नोटिस का हम सब विरोध करते हैं । उन्होंने कहा कि शांति भंग के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा डॉक्टर को जमानत कराने के लिए कहा है। न्यायालय ने संतोष पांडे नाम के किसी केमिस्ट को कारावास की सजा दी थी। जिससे वे रंजिश मानने लगे थे और उन्हें भिन्न-भिन्न तरीके से डॉक्टर को परेशान करने लगे। मुझे नहीं पता कि कोतवाल साहब ने किस आधार पर उनको तलब किया है। लेकिन एक सरकारी कर्मचारियों को इस तरह से तलब नहीं किया जा सकता। इस संबंध में मैंने अपनी तरफ से एक चिट्ठी बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट को देने के तैयारी की है।
डॉक्टर यहां के रहने वाले भी नहीं हैं, इसलिए विवाद करने का सवाल नहीं होता
उन्होंने यह भी कहा कि हमारा डॉक्टर 24 घंटे हमारे कैंपस में रहता है। उसे शांति भंग होने का अंदेशा किस प्रकार का हो सकता है ? उन्होंने कहा कि डॉक्टर यहां के रहने वाले भी नहीं हैं, इसलिए विवाद करने का सवाल नहीं होता। हम सिर्फ सरकार के लिए नौकरी करते हैं। एक बाहर का रहने वाला शहर में शांति भंग करेगा मुझे ऐसा नहीं लगता है। आपको बता दें कि डॉक्टर शिवकुमार भाजपा नेता संतोष पांडे के बीच लंबे समय से आप सभी बात चल रहा है इस मामले में पुलिस ने यह कार्रवाई की थी।
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