रबी की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन लालगंज और सरेनी क्षेत्र में नहरों में पानी न होने से किसान परेशान हैं। गेहूं और सरसों की बुआई के लिए पलेवा जरूरी है, पर नहरों का संचालन न होने से खेती पिछड़ रही है।
नहरों में पानी नहीं होने से किसान परेशान : गेहूं की बुआई के लिए खेतों का पलेवा नहीं कर पा रहे, 70 फीसदी भू-भाग प्रभावित
Dec 14, 2024 15:17
Dec 14, 2024 15:17
मौसम में अचानक बदलाव, किसानों की परेशानी बढ़ी, गेहूं, सरसों की बुवाई को खेतों का पलेवा करना चाह रहे
मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। किसान गेहूं, सरसों की बुवाई को खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं लेकिन नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका है जिसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लालगंज और सरेनी में लगभग 70 फीसदी भू-भाग की सिंचाई नहर व रजबाहों के माध्यम से होती है लेकिन नहर में पानी नहीं होने से रजबाहों में भी पानी न आने से खेती किसानी पिछड़ रही है। नहरो में पिछले लगभग छ महीने से पानी नहीं आया है। जिसकी वजह से इससे निकले रजबाहे सूखे पड़े हैं। क्षेत्र के गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है।
बीच में कई जगह-जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित
रजबाहे की हर साल सिल्ट सफाई तो होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है। बीच में कई जगह-जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है। वही क्षेत्र के किसानों ने बताया की नहर में अब तक पानी न आने से गेहूं की फसल की बुवाई के लिए खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है। इस वर्ष 15 अक्तूबर से गेहूं की फसल बुवाई का समय शुरू हो गया है। हम लोग मंजबूर है कि नलकूपो के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं और नंबर आने पर ही खेतों में पानी लगाया जा रहा है। इस बात की शिकायत पिछले कई वर्षों से जिले स्तर के अधिकारियों को दी जा रही है लेकिन समस्याओं का निराकरण होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में हम लोग अपनी साल भर की कमाई का हिस्सा कैसे उत्पन्न करें यह गंभीर समस्या है।
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