रायबरेली में साइबर अपराध के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके मद्देनजर पुलिस विभाग ने सघन जागरूकता अभियान शुरू किया है...
रायबरेली में साइबर अपराध पर जागरूकता अभियान : छात्रों ने साझा किया अनुभव, वर्क फ्रॉम होम के नाम पर हुई ठगी
Nov 30, 2024 16:50
Nov 30, 2024 16:50
कॉलेज में कार्यशाला का आयोजन
इसी अभियान के तहत फीरोज गांधी डिग्री कॉलेज में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां एक छात्रा ने अपने साथ हुई साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया। उसने बताया कि वर्क फ्रॉम होम के नाम पर उसे साइबर ठगों ने 6000 रुपये जमा कराने को कहा था, लेकिन बाद में वे उसे धोखा देकर गायब हो गए। इस दौरान कॉलेज की प्रोफेसर ने बताया कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मेटावर्स जैसे तकनीकी बदलाव होंगे, जो बच्चों को साइबर अपराधों का शिकार बना सकते हैं, इसलिए इन बच्चों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।
छात्रों को किया सतर्क
कार्यशाला में साइबर थाना के प्रभारी विंध्य विनय सिंह ने छात्रों को साइबर सुरक्षा के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को आगाह किया कि वे अनजाने लिंक पर क्लिक करने, अजनबी लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने और सोशल मीडिया पर अजनबी लोगों से चैटिंग करने से बचें। इसके अलावा, ऐप डाउनलोड करते समय केवल प्रमाणित स्रोतों का उपयोग करने की सलाह दी, ताकि वे साइबर ठगी का शिकार न हो सकें।
वर्क फ्रॉम होम के नाम पर साइबर ठगी
एमएससी फिजिक्स की छात्रा प्रिया अग्रवाल ने बताया कि उसके और उसके दोस्तों के साथ भी साइबर अपराध हो चुका है। उसने वर्क फ्रॉम होम के लिए एक आईडी बनाई थी, जिसके बदले साइबर ठगों ने उससे 13000 रुपये की ठगी की। उसने बताया कि पहले 6000 रुपये की मांग की गई, फिर 3000 रुपये और बाद में 6000 रुपये और भेजने के लिए कहा गया। इस तरह उसे कुल 13000 रुपये का नुकसान हुआ। उसके बाद उसकी सहेली शिखा भी साइबर ठगी का शिकार हुई, जिसमें ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए उसकी फोटो कैप्चर कर उसे धमकाया और फिर ठगी की।
साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कराए जा रहे कार्यक्रम
सीओ सिटी अमित सिंह ने बताया कि रायबरेली में साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए आईटीआई, निफ्ट और एफजी कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को साइबर ठगी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति के साथ साइबर धोखाधड़ी होती है, तो वह 1930 पर कॉल करके मदद ले सकता है। सीओ सिटी का मानना है कि जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं और उनकी टीम इस जागरूकता को बढ़ाने का काम कर रही है।
ये भी पढ़ें- आगरा में विकास प्राधिकरण में फैला भ्रष्टाचार का जाल : 3.54 करोड़ की दीवार एक बारिश में ढही, वीसी बोली- कराएंगे जांच
Also Read
10 Dec 2024 09:44 AM
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी यूपीपीसीएल में निजीकरण के इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है। संगठन ने इसे आम जनता और सरकारी विभागों के लिए महंगा सौदा बताया है। परिषद का कहना है कि निजीकरण से बिजली की दरों में भारी वृद्धि होगी, जिससे यातायात और अन्य सार्वजनिक सेवाएं भी महं... और पढ़ें