Raebareli News : जेल में मरने से पहले वारिस ने पिता से कही थी आख़िरी बार यह बात, फोन रिकार्डिंग से हुआ खुलासा

जेल में मरने से पहले वारिस ने पिता से कही थी आख़िरी बार यह बात, फोन रिकार्डिंग से हुआ खुलासा
UPT | रायबरेली जेल से मृतक का शव ले जाता वाहन

Dec 01, 2024 10:04

रायबरेली जेल में पत्नी की हत्या के मामले में विचारधीन कैदी की आत्महत्या के मामले में मरने से कुछ घण्टे पहले पिता से उसकी बातचीत सामने आई है। वहीं लापरवाही बरतने वाले 2 जेल कर्मचारियों पर भी कार्रवाही की गई है।

Dec 01, 2024 10:04

Raebareli News : जिला जेल में एक विचाराधीन कैदी ने पिछले गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या क्यों की, इसका खुलासा हो गया है। बताया जा रहा है कि कैदी ने अपने पिता से बात की थी और उसके बाद वह मानसिक रूप से इतना टूट गया कि उसने मौत को गले लगा लिया। वहीं जेल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरतने वाले कांस्टेबल अनुज राजवंशी को निलंबित कर दिया गया है। उसके साथ ही गिर्दा प्रभारी कमलेश कुमार पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

बार-बार जमानत रद्द होने से था परेशान
जेल प्रशासन के मुताबिक, वारिस राइन (28) पुत्र आरिफ बाबा निवासी मोहल्ला कंचना, थाना जायस, जिला अमेठी ने शाम साढ़े चार बजे जेल के पीसीओ से अपने पिता से बात की। करीब छह मिनट की बातचीत में उसने पिता से ढेर सारी बातें की। बताया गया कि इस दौरान उसने पिता से कहा कि 'अब मैं बिना सजा काटे रिहा नहीं होऊंगा, आप पिछले पांच साल से कह रहे हो कि अमुक तारीख पर रिहा हो जाओगे, अब बेवजह वकील पर पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है, अब कुछ नहीं होगा।' बताया जा रहा है कि बार-बार जमानत रद्द होने से वारिस परेशान था। जिसके बाद 28 नवंबर को पिता से बात करने के महज एक घंटे के अंदर ही उसने बाग में पेड़ पर अपने अंगौछे से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।

पत्नी की हत्या करने पर जेल में निरुद्ध था
आपको बता दें कि वारिस पत्नी की हत्या करने पर वर्ष 2019 में धारा 498 ए, 307, 304 बी, 302 आईपीसी व 3/4 डीपी एक्ट में थाना मोहनगंज जनपद अमेठी में मुकदमा के तहत रायबरेली जेल में निरुद्ध था। हाईकोर्ट से पहली बार उसने 28 अगस्त 2020 में जमानत के लिये अर्जी दी। 6 जुलाई 2021 को उसकी जमानत याचिका  खारिज हुई। फिर 17 अक्टूबर 2022 को जमानत अर्जी दाखिल की गई जिसे 30 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। 

5 साल से जेल में बंद था वारिस
इससे साफ जाहिर होता है वारिस बार बार जमानत अर्जी खारिज होने से परेशान था। बीते 28 नवम्बर को भी वह अपने पिता से जमानत पर बातचीत कर रहा था। जेल प्रशासन का कहना है कि 5 साल से जेल में बंद वारिस का कार्य व व्यवहार बेहद शालीन था। उसके कार्यों से कभी यह अहसास नही हुआ कि वह मानसिक रूप से परेशान है। पूरे प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। घटनाक्रम से सम्बंधित तमाम साक्ष्य सुरक्षित रखे गए हैं। पिता पुत्र के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग भी रखी गई है। यह मामला पूरी तरह से आत्महत्या का है।

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