संभल विवाद : हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति करेंगे न्यायिक जांच, दो माह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति करेंगे न्यायिक जांच, दो माह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
UPT | संभल विवाद

Nov 29, 2024 14:17

संभल हिंसा को लेकर आज जांच आयोग पहली सुनवाई करेगी। ये सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे। यह आयोग दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

Nov 29, 2024 14:17

Lucknow News : संभल में जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। आज जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद से जुड़ी पहली सुनवाई होनी है। इस संदर्भ में प्रदेश के गृह विभाग ने गुरुवार देर रात अधिसूचना जारी कर दी। जांच का नेतृत्व इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे। 

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में होगी सुनवाई
संभल हिंसा को लेकर आज जांच आयोग पहली सुनवाई करेगी। ये सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे। उनके साथ जांच आयोग में प्रदेश के सेवानिवृत्त डीजीपी एके जैन और सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल होंगे। जांच आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आयोग को चार प्रमुख बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया है। यह आयोग दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

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इन मुद्दों पर होगी सुनवाई
  • सुनियोजित षड्यंत्र या सामान्य अपराध : आयोग जांच करेगा कि यह घटना किसी पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी या फिर यह एक सामान्य आपराधिक घटना थी।
  • प्रशासन और पुलिस की भूमिका : आयोग यह देखेगा कि जिला प्रशासन और पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए और उनकी भूमिका कितनी प्रभावी रही।
  • घटना के कारण और परिस्थितियां : आयोग हिंसा के कारणों और परिस्थितियों का विश्लेषण करेगा।
  • भविष्य के लिए सुझाव : आयोग सरकार को सुझाव देगा कि ऐसी घटनाओं को भविष्य में कैसे रोका जा सकता है।
हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी
24 नवंबर को संभल के थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। भारी पथराव और आगजनी के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग किया। घटना ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।

सुनवाई को सुरक्षा के कड़े इंतजाम
एडीएम न्यायिक सुशील चौबे की निगरानी में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पुलिस के जवानों के साथ बैरिकेडिंग कर इलाके को पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है। चौधरी सराय, चंदौसी चौराहा, अंजुमन चौराहा और ईदगाह जैसे इलाकों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है। यहां भीड़ नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे। हिंदूपुरा खेड़ा बवाल में एक युवक की मौत हुई थी। वहां जिला विकास अधिकारी राम आशीष और बीडीओ असमोली रिजवान हुसैन को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

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