केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह धारण बन गई है कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन में कमी आएगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। प्राकृतिक खेती से न तो उत्पादन कम होगा और न ही भंडारण में कमी आएगी।
UP News : शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती से उत्पादन बढ़ाने पर दिया जोर, बोले- जलवायु परिवर्तन हमारे अस्तित्व पर खतरा
Jul 19, 2024 15:47
Jul 19, 2024 15:47
- केन्द्र सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देने पर कर रही विचार
- भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
समय रहते संभलना होगा
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए केमिकल और फर्टिलाइजर के प्रयोग का परिणाम हम सबके सामने हैं। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है, लेकिन इसके जिम्मेदार हम खुद हैं। इससे ये सिद्ध हो गया है कि आने वाली पीढ़ी के लिए ये धरती रहने लायक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल से धरती की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है। इससे कीट मित्र जमीन से खत्म होते जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दुनिया में आपदाएं बढ़ती जा रही है। यह मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा है। ऐसे में हमे समय रहते सावधान रहना होगा और धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा।
प्राचीन समय की खेती पद्धति को अपनाने की जरुरत
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्राचीन समय में खेती में केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल नहीं होता था। ऐसे में धरती उपजाऊ होती थी और अन्न पोषक पैदा होते थे। धीरे-धीरे धरती पर दबाव बढ़ता गया और उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल होने लगा। साथ ही नई-नई वैराइटी के लिए ऐसे बीज का प्रयोग होने लगा जिसमें ज्यादा खाद, पानी और कीटनाशक की जरूरत पड़ने लगी। इससे उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन बीमारियां भी बढ़ती गयीं। इसके लिए कैंसर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलानी पड़ीं। आज हम सभी अपनी सेहत को लेकर काफी गंभीर हैं। यही वजह है कि लोग बिना केमिकल फर्टिलाइजर के कृषि उत्पाद को खरीदने के लिए दोगुने दाम देने को तैयार हैं।
बिना केमिकल के उत्पादन के साथ बढ़ाया जा सकता है स्वाद
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देगी। इसके लिए उन्हें प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन की भी व्यवस्था करेगी। साथ ही तीन साल तक किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए उनके खातों में पैसा भेजेगी। उन्होंने कहा कि बिना केमिकल के उत्पादन के साथ स्वाद भी बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए भारत सरकार संकल्पित है। इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। देश के वैज्ञानिक बिना केमिकल के उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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