युवा होने के कारण तनुज पुनिया से पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं। खास तौर पर जब नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद एससी-एसटी की राजनीति को नई धार देने में जुटे हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय नेतृत्व पर जिम्मेदारी सौंप चुकी हैं।
तनुज पुनिया को यूपी कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की कमान : जानें फैसले के पीछे की रणनीति
Nov 02, 2024 10:33
Nov 02, 2024 10:33
सुशील पासी बने राष्ट्रीय सचिव
अब तक यूपी कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुशील पासी को राष्ट्रीय सचिव पद पर पदोन्नति दी गई है। पार्टी नेताओं के मुताबिक यह कदम कांग्रेस में पुनर्गठन का हिस्सा है, जिससे विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। पासी को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देकर पार्टी ने उनकी कार्यक्षमता और अनुभव को मान्यता दी है। वहीं तनुज पुनिया के रूप में यूपी कांग्रेस की अनुसूचित जाति इकाई को नया नेतृत्व दिया गया है।
पुनिया ने शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया
इस नियुक्ति के बाद तनुज पुनिया ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन राजेश लिलोठिया के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। पुनिया ने इस नई जिम्मेदारी को पूरी मेहनत और निष्ठा से निभाने का संकल्प लिया और कहा कि उनके नेतृत्व में संगठन को नई मजबूती और दिशा मिलेगी।
यूपी कांग्रेस की ओर से बधाई
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी तनुज पुनिया को अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष बनने पर हार्दिक बधाई दी गई। यूपी कांग्रेस ने उम्मीद जताई कि पुनिया अपने दायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करेंगे और कांग्रेस की विचारधारा को मजबूती प्रदान करेंगे। पार्टी प्रवक्ता मनीष हिंदवी, सचिन रावत सहित अन्य नेताओं ने भी पुनिया की इस नई भूमिका में तनुज पुनिया की सफलता की कामना की।
पार्टी की मजबूती के लिए अनुसूचित जाति पर फोकस
तनुज पुनिया की नियुक्ति से कांग्रेस अनुसूचित जाति समुदाय के बीच अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है। यह नियुक्ति पार्टी के उस अभियान का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर कांग्रेस संगठन को और मजबूत किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में बाराबंकी से जीत हासिल करने के बाद तनुज पुनिया लगातार लोगों के बीच सक्रिय हैं। बाराबंकी उनके पिता पूर्व सांसद पीएल पुनिया का क्षेत्र रहा है। इस वजह से वह सांसद बनने से पहले से यहां सक्रिय रहे हैं। तनुज पुनिया के जरिए कांग्रेस अनुसूचित जाति समुदाय के बीच उनके मुद्दों को मजबूती से उठाते हुए आगे बढ़ना चाहती है। युवा होने के कारण तनुज पुनिया से पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं। खास तौर पर जब नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद एससी-एसटी की राजनीति को नई धार देने में जुटे हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय नेतृत्व पर जिम्मेदारी सौंप चुकी हैं।
नई नियुक्तियों के साथ संगठन में बदलाव
कांग्रेस संगठन में लगातार नई नियुक्तियों के जरिए नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पार्टी नेताओं के मुताबिक अपने संगठनात्मक ढांचे को और सशक्त बनाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे है। तनुज पुनिया के नेतृत्व में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की समस्याओं को सुनने और उन्हें हल करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे पार्टी की प्रदेश में पकड़ और मजबूत होगी।
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