यूपी में शिक्षक भर्ती विवाद : हाईकोर्ट ने रद्द की मेरिट लिस्ट, 69000 सहायक अध्यापक पदों पर आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप

हाईकोर्ट ने रद्द की मेरिट लिस्ट, 69000 सहायक अध्यापक पदों पर आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप
UPT | यूपी में शिक्षक भर्ती विवाद

Aug 17, 2024 17:07

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है और राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय आरक्षण नियमों के...

Aug 17, 2024 17:07

Short Highlights
  • 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द
  • यह निर्णय आरक्षण नियमों के कथित उल्लंघन के आरोपों को लेकर लिया गया है
  • अब सरकार को नई मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है और राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय आरक्षण नियमों के कथित उल्लंघन के आरोपों के बीच आया है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, यह विवाद 2018 में शुरू हुआ, जब योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दो चरणों में शिक्षक भर्ती की घोषणा की। पहले चरण में 68,500 पदों के लिए और दूसरे चरण में 69,000 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई। दूसरे चरण की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को आयोजित की गई, जिसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 67.11 प्रतिशत और ओबीसी वर्ग के लिए 66.73 प्रतिशत कट-ऑफ निर्धारित की गई। इसके बाद लगभग 68 हजार लोगों की भर्ती की गई।

अभ्यार्थियों ने लगाया आरोप
इन सब के बाद विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। इन अभ्यार्थियों का कहना था कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के अनुसार, यदि कोई ओबीसी उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त करता है, तो उसे ओबीसी कोटे के बजाय सामान्य श्रेणी में नियुक्त किया जाना चाहिए। जिसका मतलब है कि उसे आरक्षण के दायरे में नहीं शामिल किया जाना चाहिए।



वहीं प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का दावा था कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत के बजाय केवल 3.86 फीसदी ही आरक्षण मिला। जबकि सरकार का कहना था कि लगभग 31,000 ओबीसी उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, आंदोलनरत अभ्यार्थियों ने अनुसूचित जाति वर्ग को भी 21 प्रतिशत के बजाय केवल 16.6 फीसदी आरक्षण मिलने का आरोप लगाया गया।

सरकार को नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश
इस मुद्दे को कई अभ्यार्थियों की ओर से याचिकाएं दायर की गईं और मामला लंबे समय से न्यायालय में लंबित था। शिक्षक भर्ती में 69000 शिक्षक भर्ती में लगभग 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर घोटाला होने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद, अब हाईकोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षकों की वर्तमान लिस्ट को नकारते हुए मेरिट सूची को रद्द कर दिया है। साथ ही अब सरकार को आरक्षण नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी। ऐसे में यह फैसला न केवल राज्य सरकार के लिए एक झटका है, बल्कि पिछले चार वर्षों से कार्यरत हजारों शिक्षकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।

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