बाघ की चालाकी के आगे वन महकमा फेल : अब यहां नजर आने के बाद हुआ ओझल, डायना-सुलोचना ने छानी जंगल की खाक

अब यहां नजर आने के बाद हुआ ओझल, डायना-सुलोचना ने छानी जंगल की खाक
UPT | लखनऊ में बाघ लगातार दे रहा वन महकमे को चकमा

Jan 05, 2025 11:13

वन विभाग के अनुसार, रहमानखेड़ा और आसपास के इलाकों में बाघ को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान जारी है। ट्रैप कैमरों और प्रशिक्षित हथिनियों के साथ लगातार निगरानी की जा रही है। हालांकि, घने जंगल और बाघ की चतुराई के कारण यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

Jan 05, 2025 11:13

Lucknow News : शहर के रहमानखेड़ा क्षेत्र में बाघ अभी तक वन महकमे को चकमा दे रहा है। एक महीने से ज्यादा वक्त से बाघ पूरी टीम को छका रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी उसे पकड़ा नहीं जा सका है। अब हथिनियों से भी उसकी तलाश शुरू हो चुकी है। इस बीच जंगल में बनी सरकारी कॉलोनी से महज 60 मीटर दूर एक चौकीदार ने बाघ को देखा। चौकीदार गजोधर यादव ने तुरंत खुद को कमरे में बंद कर मोबाइल से विभाग को इसकी सूचना दी। इसके बाद जब वन विभाग की टीम ने मौके पर जांच की तो इसकी पुष्टि भी हुई। मौके पर मिले पगचिह्न बाघ के ही पाए गए।

हथिनियों ने की कॉम्बिंग, बाघ पकड़ने में असफल
दुधवा से आई प्रशिक्षित हथिनियां, डायना और सुलोचना, वन विभाग की टीम के साथ बाघ को खोजने के लिए लगभग पांच घंटे तक कॉम्बिंग करती रहीं। हालांकि, इतनी मशक्कत के बावजूद बाघ का पता नहीं चल सका। टीम ने रहमानखेड़ा के जंगलों और उसके आसपास के इलाकों में बारीकी से जांच की।



आम के बाग में मिले बाघ के पगचिह्न
सराय प्रेमराज गांव में आम के बाग में बाघ के पगचिह्न मिलने से ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पहली बार उनके गांव में बाघ के निशान देखे गए हैं। माना जा रहा है कि बाघ रेलवे लाइन के किनारे से होते हुए बेहता नाला पार करके आया और पानी पीने के बाद रहमानखेड़ा के जंगलों की ओर लौट गया।

35 सदस्यों की टीम को अलग अलग जिम्मा सौंपा
बाघ के लगातार टीम को चकमा देने के बीच प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी और प्रभागीय निदेशक डॉ. सितांशु पांडेय ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने 35 सदस्यों को अलग-अलग टीमों में विभाजित कर काम करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जंगल में लगाए गए 22 ट्रैप कैमरों और मचानों की भी जांच की गई। ऑपरेशन के दौरान बाघ के पगचिह्न मिले। लेकिन, बाघ को पकड़ने में सफलता नहीं मिली।

ग्रामीणों में डर और सतर्कता का माहौल
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ की दहशत के कारण बच्चे और महिलाएं घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। सराय प्रेमराज और मंडौली गांव के निवासी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बाघ फिर से आबादी वाले इलाके में न आ जाए। वन विभाग की टीम लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन कर रही है ताकि बाघ को सुरक्षित पकड़ा जा सके।

बाघ रेलवे लाइन और बेहता नाला के इलाके में सक्रिय
वन विभाग के अनुसार, रहमानखेड़ा और आसपास के इलाकों में बाघ को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान जारी है। ट्रैप कैमरों और प्रशिक्षित हथिनियों के साथ लगातार निगरानी की जा रही है। हालांकि, घने जंगल और बाघ की चतुराई के कारण यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। वन अधिकारियों का मानना है कि बाघ रेलवे लाइन और बेहता नाला के आसपास की जगहों पर सक्रिय है। उसकी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और वन विभाग को किसी भी नई जानकारी की सूचना देने की अपील की गई है।

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