Tuberculosis : टीबी मरीजों के करीबियों की हर तीन महीने में जांच, दिसंबर तक सभी जिलों को पूरा करना होगा ये टारगेट

 टीबी मरीजों के करीबियों की हर तीन महीने में जांच, दिसंबर तक सभी जिलों को पूरा करना होगा ये टारगेट
UPT | Tuberculosis

Nov 19, 2024 17:41

टीबी के संभावित लक्षणों वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं। फेफड़ों की टीबी से प्रभावित लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर साथ काम करने वालों की बलगम की जांच की जाएगी। इससे अधिक से अधिक मरीजों की पहचान और उनका समय पर इलाज संभव हो सकेगा।

Nov 19, 2024 17:41

Lucknow News : प्रदेश में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के प्रयासों को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को निर्देश दिया है कि वे इलाज प्राप्त कर रहे टीबी रोगियों के निकटतम संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों की हर तीन महीने में स्क्रीनिंग सुनिश्चित करें। इसका उद्देश्य टीबी के मामलों की पहचान में तेजी लाना और उसकी रोकथाम करना है।

साल के अंत तक हर हाल में पूरा करें जांच का लक्ष्य
उच्च अधिकारियों के साथ की गई बैठक के बाद जारी पत्र में प्रमुख सचिव ने कहा कि जो सबसे खराब 10 जनपद हैं उनके प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर में सुधार लाने के लिए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 समाप्त होने में केवल 42 दिन शेष हैं और इस दौरान प्रत्येक जिले को प्रिवेंटिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने जिला क्षय रोग अधिकारियों से नियमित रूप से डाटा मॉनिटरिंग करने और कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रगति की समीक्षा के लिए जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जाएं।



यूपी में टीबी रोगियों का सबसे अधिक नोटिफिकेशन 
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत टीबी मामलों और इससे होने वाली मौतों को कम करने के लिए प्रदेश में तेजी से काम हो रहा है। इस साल प्रदेश में टीबी रोगियों का सबसे अधिक नोटिफिकेशन हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रमुख सचिव ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए रणनीतियों को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग का महत्व
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षणों वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं। फेफड़ों की टीबी से प्रभावित लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर साथ काम करने वालों की बलगम की जांच की जाएगी। इससे अधिक से अधिक मरीजों की पहचान और उनका समय पर इलाज संभव हो सकेगा।

उच्च जोखिम समूहों पर विशेष ध्यान
उच्च जोखिम वाले समूहों जैसे 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, डायबिटीज के रोगी, धूम्रपान और नशे की लत वाले व्यक्ति, 18 से कम बीएमआई वाले लोग, एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करवा रहे रोगियों के संपर्क में आए लोगों की हर तीन माह में टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। यह कदम रोगियों की संख्या बढ़ाने और उनकी पहचान में सहायक होगा।

नैट मशीनों का वितरण और ब्लॉक स्तर पर जांच
प्रमुख सचिव ने नैट मशीनों के वितरण को सभी ब्लॉकों में समान रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि टीबी जांच सुचारू रूप से हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने ऐसी टीबी इकाइयों की पहचान करने और उनमें सुधार के उपाय करने का निर्देश दिया है जो अपेक्षित परिणाम नहीं दे रही हैं। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरटीपीएमयू) को हर महीने जिलों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए भी कहा गया है।

स्वास्थ्य विभाग की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग के सामने यह चुनौती है कि वह टीबी रोगियों के बढ़ते मामलों के बीच उनके संपर्क में आने वालों की पहचान और उनकी नियमित स्क्रीनिंग कर सके। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाने की आवश्यकता है।
 

Also Read

सुरक्षित सशक्त वातावरण में बेटियों को बेहतर भविष्य देने की पहल, शिक्षकों ने बढ़ाया आत्मविश्वास

19 Nov 2024 08:03 PM

लखनऊ प्रगति 2024 : सुरक्षित सशक्त वातावरण में बेटियों को बेहतर भविष्य देने की पहल, शिक्षकों ने बढ़ाया आत्मविश्वास

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से प्रदेश की बेटियों के लिए सुरक्षित, समावेशी और खुशहाल स्कूलों का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी दिशा में यूनिसेफ के साथ मिलकर राज्य सरकार ने ‘प्रगति 2024: स्वाभिमान और सफलता की ओर’ कार्यक्रम का आयोजन गोमती नगर के दयाल गेटवे ऑडिटोरियम में किया। और पढ़ें