यूपी में 1.97 लाख एचआईवी संक्रमित : 1.20 लाख ले रहे एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी, जागरूकता में मीडिया अहम भूमिका

1.20 लाख ले रहे एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी, जागरूकता में मीडिया अहम भूमिका
UPT | एचआईवी एड्स पर मीडिया के लिए जागरूकता कार्यशाला

Nov 29, 2024 20:36

उत्तर प्रदेश में अनुमानित 1.97 लाख एचआईवी संक्रमित लोग हैं, जिनमें से लगभग 1.20 लाख लोग विभिन्न एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों के माध्यम से इलाज हासिल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 399 इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) और 52 एआरटी केंद्र पूरे राज्य में काम कर रहे हैं।

Nov 29, 2024 20:36

Lucknow News : एचआईवी-एड्स से जुड़े मिथकों को खत्म करने और इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (UPSACS) ने शुक्रवार को एक विशेष कार्यशाला आयोजित की, जिसमें इस बीमारी को लेकर मीडिया की भूमिका पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया सही जानकारी और संवेदनशीलता के साथ इस मुद्दे को उठाकर समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है।

एचआईवी-एड्स की स्थिति: उत्तर प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य
कार्यशाला के उद्घाटन भाषण में संयुक्त निदेशक (प्रिवेंशन) रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अनुमानित 1.97 लाख एचआईवी संक्रमित लोग हैं, जिनमें से लगभग 1.20 लाख लोग विभिन्न एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों के माध्यम से इलाज हासिल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 399 इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) और 52 एआरटी केंद्र पूरे राज्य में काम कर रहे हैं, जो संक्रमित लोगों को मुफ्त उपचार और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।



2030 तक एड्स समाप्त करने का लक्ष्य
कार्यशाला में संयुक्त निदेशक-बीएसडी डॉ. गीता अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार ने 2030 तक एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि 2025-26 इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक निर्णायक अवधि होगी। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया।
  • नए संक्रमणों में 80 प्रतिशत तक की कमी लाना।
  • एड्स से होने वाली मृत्यु दर को न्यूनतम करना।
  • एचआईवी संक्रमित माताओं से बच्चों में संक्रमण के खतरे को पूरी तरह खत्म करना।

एचआईवी संक्रमण के प्रमुख कारण
कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक (केयर सपोर्ट एवं उपचार सेवा) डॉ. ए.के. सिंघल ने बताया कि एचआईवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध हैं, जो लगभग 83 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, 6.3 प्रतिशत संक्रमण का कारण संक्रमित सुई और अन्य उपकरणों का उपयोग है। उन्होंने कहा कि जागरूकता और सतर्कता से इन कारणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

राज्य में उपलब्ध सुविधाएं और सेवाएं
  • उत्तर प्रदेश में एड्स नियंत्रण और उपचार के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • 399 ICTC केंद्र : जहां एचआईवी जांच और परामर्श सेवाएं दी जाती हैं।
  • 52 एआरटी केंद्र : जो संक्रमित लोगों को मुफ्त उपचार प्रदान करते हैं।
  • 35 संपूर्ण सुरक्षा केंद्र : जो एड्स और यौन संचारित संक्रमणों से संबंधित सेवाएं देते हैं।
  • 115 एसटीआई-आरटीआई केंद्र : यौन और प्रजनन संक्रमण से जुड़े इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
मीडिया से अपेक्षित भूमिका
डॉ. चित्रा सुरेश (संयुक्त निदेशक-एसटीआई) ने कहा कि एचआईवी-एड्स को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने और संक्रमित व्यक्तियों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने में मीडिया की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से अपील की कि वे सकारात्मक कहानियां साझा करें और लोगों को एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रेरित करें। कार्यशाला के अंत में एक खुली चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें मीडिया प्रतिनिधियों ने एड्स नियंत्रण अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए अपने विचार साझा किए। संयुक्त निदेशक (आईईसी) पवन चंदेल और सहायक निदेशक (डीएंडपी) अनुज दीक्षित ने प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया।

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