बैठक में तय हुआ कि 9 सीटों पर भाजपा अपना प्रत्याशी उतारेगी। उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल हो गए हैं। अधिकांश सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे। उप चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही भाजपा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होगा।
यूपी विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर : दिल्ली में बीजेपी की बैठक में लिया गया अहम फैसला, भाजपा के 9 प्रत्याशी फाइनल, मीरापुर सीट आरएलडी के खाते में
Oct 13, 2024 23:26
Oct 13, 2024 23:26
- बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक शामिल रहे
- निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को मनाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह, केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक को दी गई
बैठक में क्या हुआ
बैठक में तय हुआ कि 9 सीटों पर भाजपा अपना प्रत्याशी उतारेगी। उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल हो गए हैं। अधिकांश सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे। उप चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही भाजपा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होगा। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट गठबंधन में शामिल रालोद को दी जाएगी। यह सीट इससे पहले भी रालोद के पास ही थी। निषाद पार्टी को सीधे तौर पर कोई सीट नहीं मिलेगी। इसको लेकर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की नाराजगी तय है। उनको मनाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र चौधरी, केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक को दी गई है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा निषाद को सिर्फ एक सीट देने पर विचार कर रही है, वह भी प्रत्याशी भाजपा के ही सिंबल पर ही चुनाव लड़ेगा। हालांकि निषाद इस फार्मूले पर सहमत नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार और संगठन ने केंद्रीय नेतृत्व को आश्वस्त किया है कि उप चुनाव में अधिकांश सीटें भाजपा जीतेगी। बैठक में सपा और बसपा द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के लिहाज से रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा हुई। खासकर उन सीटों पर चुनाव जीतने को लेकर अधिक प्रभावी तरीके से काम करने पर सहमति बनी है, जो सीटें सपा का कब्जा है।
संजय निषाद बोले- गठबंधन धर्म का होना चाहिए पालन
सरकार में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी की ओर से कटेहरी और मझवां सीट की मांग की जा रही थी। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का तर्क है कि विधानसभा चुनाव में दोनों सीटें गठबंधन में उनकी पार्टी को मिली थी। लिहाजा गठबंधन धर्म का पालन करते हुए भाजपा को उप चुनाव में भी ये दोनों सीटें निषाद पार्टी को देनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक विधानसभा उप चुनाव के लिए मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, करहल, गाजियाबाद, मझवां, कुंदरकी, खैर और सीसामऊ सीट से टिकट के दावेदारों ने दिल्ली में डेरा जमाया है। दावेदारों ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों के यहां भी गुहार लगाई है।
भाजपा की ये तैयारी
यूपी में भाजपा ने हर सीट पर तीन से चार नाम का पैनल तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में होने वाली बैठक में प्रत्याशी के पैनल पर चर्चा के बाद उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया गया है। सरकार और संगठन के स्तर पर अब तक हुई चुनावी तैयारी से भी शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया गया।
लोकसभा चुनाव में भाजपा का रहा कमजोर प्रदर्शन
सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन ने सभी 10 सीटों पर चुनाव प्रचार का एक चरण पूरा कर लिया है। योगी ने जहां सभी 10 क्षेत्रों में करीब 5000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। वहीं, रोजगार मेले आयोजित कर 30 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार दिए गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा का कमजोर प्रदर्शन रहा है। इसलिए, उपचुनाव से पहले सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल प्रभावी रहता है। फिर भी भाजपा तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
इन सीटों पर मिलेगी कड़ी टक्कर
जातीय समीकरण के लिहाज से मिल्कीपुर, कटेहरी,, मझवां, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर में भाजपा के लिए मुकाबला ज्यादा मुश्किल नहीं है। लेकिन सपा के यादव परिवार की परंपरागत सीट करहल, मुस्लिम बहुल सीट कुंदरकी और सीसामऊ में भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी।
कुंदरकी : यहां पर 60 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं, जो हार-जीत तय करते हैं। यहां 2 सितंबर को सीएम योगी ने जनसभा की थी, जिसके बाद भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, कैबिनेट मंत्री प्रतिभा शुक्ला और जसवंत सिंह सैनी, मंत्री जेपीएस राठौर, गुलाबो देवी और महामंत्री अरुण सिंह, अलग-अलग कार्यक्रम कर चुके हैं।
मिल्कीपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 बार दौरा कर चुके हैं। मिल्कीपुर में भदरसा गैंगरेप कांड और परिवारवाद को लेकर भाजपा विपक्ष पर हमलावर है। भाजपा यहां जीतकर सपा के मनोबल को तोड़ना चाहती है।
करहल : यहां से अखिलेश यादव विधायक थे। यहां सवा लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। यह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही है। ऐसे में सपा यहां मजबूत दिखाई पड़ रही है। ऐसे में भाजपा यहां हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है।
आठ सीटें जीतने का भाजपा ने रखा है लक्ष्य
विधानसभा की 10 सीटों का उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली हार के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा। हाल ही में हरियाणा में भाजपा की जीत हुई, हालांकि वोट का अंतर काफी कम रहा है। यूपी में सरकार व संगठन के शीर्ष लोगों पर मनोवैज्ञानिक दबाव है। इसलिए पार्टी चाहती है कि यूपी में माहौल बदलने के लिए सभी 10 या कम से कम 8 सीटें जीतना जरूरी है।
सपा ने 6 प्रत्याशियों की घोषणा की
समाजवादी पार्टी ने 3 दिन पहले मैनपुरी की करहल, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर और कानपुर की सीसामऊ सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अखिलेश ने करहल से तेज प्रताप यादव, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद, मझवां से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद, कटेहरी से लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा और सीसामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है।
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