उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग के घाटे में चल रहे पर्यटक आवास गृह अब निजी सेक्टर को प्रबन्धकीय संविदा के आधार पर लीज के जरिए कुल 30 वर्ष के लिए दिए जा सकेंगे। पहले ये सिर्फ पांच साल के लिए देने का प्रस्ताव था, जिस पर निवेशक आगे नहीं आ रहे थे। अब ये 15 साल के लिए दिए जा सकेंगे। इसके बाद इसमें 15 वर्ष का और इजाफा किया जाएगा।
UP Cabinet Decisions : कैबिनेट बैठक में 13 प्रस्ताव मंजूर, अब 30 वर्षों के लिए निवेशकों को लीज पर मिल सकेंगे पर्यटक आवास गृह
Aug 27, 2024 19:41
Aug 27, 2024 19:41
पर्यटन निगम के घाटे में चल रहे पर्यटक आवास गृहों की ऐसे बदलेगी तस्वीर
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग के घाटे में चल रहे पर्यटक आवास गृह अब निजी सेक्टर को कुल 30 वर्ष के लिए लीज पर दिए जा सकेंगे। पहले ये सिर्फ पांच साल के लिए देने का प्रस्ताव था, जिस पर निवेशक आगे नहीं आ रहे थे। अब ये 15 साल के लिए दिए जा सकेंगे। इसके बाद इसमें 15 वर्ष का और इजाफा किया जाएगा। इस तरह प्रबन्धकीय संविदा के आधार पर निजी उद्यमी और निवेशक कुल 30 वर्षों के लिए लीज पर इसका संचालन कर सकेंगे। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि निवेशकों की राय लेने के बाद ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया है। पांच वर्ष के लिए संचालन करने पर निवेशकों को घाटा हो रहा था, इस वजह से वह इसके लिए आगे नहीं आ रहे थे।
यूपी में पर्यटन निगम के 87 पर्यटक आवास गृह
उन्होंने बताया कि सिर्फ वही पर्यटक आवास गृह निजी प्रबंधन को सौंपे जाएंगे, जो घाटे में चल रहे हैं। प्रदेश में कुल 87 पर्यटक आवास गृह हैं। इससे पहले पर्यटक आवास गृह बदायूं, गोपीगंज, दोहरीघाट, गाजीपुर, आगरा, गढ़मुक्तेश्वर और झांसी को लेकर काफी प्रयास किए गए। लेकिन कोई निवेशक आगे नहीं आया। अब 30 वर्षों के लिए लीज पर पर्यटक आवास गृह मिलने ने निवेशकों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। इसके लिए ई टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। सबसे ज्यादा धनराशि देने वाले निवेशक को पर्यटक आवास गृह लीज पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पर्यटकों को बेहतर आवासीय सुविधा और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलेगा।
यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा
पर्यटन मंत्री ने बताया कि यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या में साल दर साल इजाफा हुआ है। धार्मिक पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2016-17 में लगभग 16 करोड़ पर्यटकों की आवक उत्तर प्रदेश में हुई। इसके सापेक्ष वर्ष 2023 में 48 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश आए। उन्होंने कहा इस साल इसमें और इजाफा होने की संभावना है। वर्ष 2025 में हमारा कुंभ का आयोजन भी है। इसकी वजह से यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि देखने को मिलेगी।
संस्कृत छात्रों के छात्रवृत्ति को लेकर अहम निर्णय
संस्कृत छात्रों के छात्रवृत्ति में बढ़ोत्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि छात्रवृत्ति की पूर्व में जारी व्यवस्था में संशोधन किया गया है। अब संस्कृत शिक्षक ग्रहण करने वाले अधिकांश छात्र-छात्राएं निर्धन परिवार की पृष्ठभूमि से होते हैं। इसलिए इसकी छात्रवृत्ति में इजाफे के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर किया है। कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थियों को 50 रुपए प्रति माह, कक्षा 8 के विद्यार्थियों को 75 रुपए प्रतिमाह, कक्षा 9 और 10 के लिए 100 रुपए और कक्षा 11 व 12 के लिए 150 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। साथ ही शास्त्री के लिए 200 रुपए और आचार्य के लिए 250 रुपए प्रति माह की व्यवस्था की गई है। इसमें आय वर्ग का बंधन भी खत्म कर दिया गया है। इससे पहले कक्षा 9 और 10 के लिए 50 रुपए और कक्षा 11 व 12 के लिए 80 रुपए, शास्त्री के लिए 80 रुपए और आचार्य के लिए 120 रुपए प्रति माह की व्यवस्था थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति योजना अब ऐसे बढ़ेगी आगे
जलजीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति योजना संचालन के तहत अनुरक्षण नीति 2024 को मंजूरी दी गई है। जिन गांवों में काम पूरा हो चुका है, उसके रख रखाव के लिए अनुरक्षण नीति लाई जा रही है। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति योजना को सरकार राज्य के बजट से कराएगी। नई मेंटेनेंस पॉलिसी भी पास की गई है। जिस गांव में पेयजल योजना का काम पूरा हो चुका है, उसके मेंटेनेंस के लिए 4485 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सोलर ऊर्जा के माध्यम से लगभग 90000 करोड रुपए की बचत भी हुई है। इस वजह से हम ये काम कर पा रहे हैं। आज जो पाइप पेयजल आपूर्ति की जा रही है, वह सौर ऊर्जा के माध्यम से हो रही है। इसके अलावा बिजली और डीजल से भी व्यवस्था है।
उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। डाटा सेंटर्स में ग्रिड के जरिए विद्युत नेटवर्क प्रदान करने के प्रस्ताव (संशोधन) का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में पारित किया गया। उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति के तहत सबसे ज्यादा बिजली की आवश्यकता होती है। अब तक जो बिजली सप्लाई होती थी, वह पर्याप्त नहीं थी। इसलिए अब दो तरफ से कनेक्शन दिया जाएगा या फिर दो कनेक्शन से बिजली सप्लाई की जाएगी। जिससे सबसे कम बिल आएगा, उसको सरकार सब्सिडी के रूप में फीड करेगी।
कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
- कैबिनेट ने पारिवारिक संबंधियों के बीच संपत्ति की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट देने का निर्णय किया है। इसके अंतर्गत, बंटवारा पत्र और समझौता पत्र पर स्टांप शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसकी जगह केवल पांच हजार रुपए खर्च करने होंगे। यह कदम संपत्ति विवादों को आसान बनाने और पारिवारिक सौहार्द को भी बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
- पर्यटकों के लिए राज्य पर्यटन निगम के गेस्ट हाउस कॉन्ट्रैक्ट पर दिए जाएंगे। इससे पर्यटकों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्राप्त होंगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति की योजना के लिए संचालन और अनुरक्षण नीति-2024 को मंजूरी दी गई है। यह नीति पानी की नियमित आपूर्ति और उसकी क्वालिटी को सुनिश्चित करेगी।
- संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की दरों में वृद्धि की गई है। इससे संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता मिलेगी।
- आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रस्ताव के तहत, 'उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021' को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत निवेशकों को दो ग्रिड लाइनों द्वारा विद्युत आपूर्ति का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- Right to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act-2013 की धारा-10 (2) और धारा-10 (4) के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की अधिसूचित सीमा को जनपद गौतमबुद्धनगर के लिए हल्का करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
- राजकीय इंटर कालेज-राजकीय हाईस्कूल की उपयोग न होने वाली जमीन पर एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
- गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वीजीएफ (वायबिलिटी गेप फंडिंग) की पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेगी।
- उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दी गई है, जो प्रदेश में डिजिटल मीडिया के विकास और उसके रेगुलेशन पर काम करेगी।
- केंद्र से सहायता प्राप्त योजना के तहत, जिला चिकित्सालय, देवरिया को अपग्रेडिड टैक्स ऑटोनोमस राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिए 25 पुराने भवनों को तोड़े जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
- प्रदेश में अल्ट्रा मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए केस-टू-केस आधार पर कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन पैकेज स्पेशल परमिशन करने की प्रक्रिया को स्वीकृति दी गई है।
- आवास और शहरी नियोजन विभाग के अधीन विभिन्न विकास प्राधिकरणों और स्थानीय निकायों के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर पर 2 प्रतिशत एक्स्ट्रा स्टांप शुल्क की राशि के वितरण की प्रक्रिया को तय करने के संबंध में शासनादेश में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
- प्रदेश की विभिन्न हवाई पट्टियों पर तैनात कर्मचारियों के सदुपयोग और नवनिर्मित हवाई पट्टियों पर कामकाज को बेहतर बनाने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
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