प्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत फरवरी 2023 में की थी, और 9 नवंबर तक 14,50,238 ई रुपी वाउचर गर्भवती महिलाओं को जारी किए गए हैं। इनमें से 6,81,341 वाउचर का उपयोग गर्भवती महिलाओं ने किया है।
यूपी में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रासाउंड सेवा : ई रुपी वाउचर जारी करने में आजमगढ़ अव्वल, दूसरे स्थान पर रहा आगरा
Nov 17, 2024 17:18
Nov 17, 2024 17:18
14 लाख से अधिक वाउचर जारी
प्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत फरवरी 2023 में की थी, और 9 नवंबर तक 14,50,238 ई रुपी वाउचर गर्भवती महिलाओं को जारी किए गए हैं। इनमें से 6,81,341 वाउचर का उपयोग गर्भवती महिलाओं ने किया है। यह आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि योजना को महिलाओं द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और इसका लाभ बड़ी संख्या में महिलाएं उठा रही हैं।
प्रदेशभर में आजमगढ़ सबसे आगे
इस योजना के तहत सबसे अधिक वाउचर आजमगढ़ में जारी किए गए हैं, जहां अब तक 61,019 वाउचर जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद आगरा (56,512 वाउचर) और बदायूं (53,733 वाउचर) का स्थान है। आजमगढ़ इस मामले में पहले स्थान पर है, जो यह दर्शाता है कि वहां की महिलाओं ने इस योजना का भरपूर लाभ उठाया है। इसके अलावा, प्रयागराज (49,690), देवरिया (47,932), गाजियाबाद (45,612), गोरखपुर (44,512), बरेली (43,207), गाजीपुर (41,905), और हरदोई (41,104) जैसे जिलों में भी बड़े पैमाने पर ई रुपी वाउचर जारी किए गए हैं।
कासगंज में कम जारी हुए वाउचर
हालांकि, कुछ जिलों में वाउचर जारी करने की संख्या अपेक्षाकृत कम रही है। कासगंज जिले में सबसे कम 4,352 वाउचर जारी किए गए हैं, जबकि भदोही (4,876 वाउचर) और शामली (5,749 वाउचर) में भी कम वाउचर जारी हुए हैं। इन जिलों में यह संख्या अपेक्षाकृत कम होने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि महिलाओं के बीच इस योजना के बारे में जागरूकता का स्तर कम होना।
ई रुपी वाउचर योजना का उद्देश्य लाभ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की शुरुआत की थी ताकि गर्भवती महिलाओं को समय पर और उचित चिकित्सा जांच मिल सके। इस योजना के अंतर्गत महिलाएं अब निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर निःशुल्क अल्ट्रासाउंड करवा सकती हैं। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य गर्भवती महिलाओं की सेहत को सुनिश्चित करना है, ताकि वे गर्भावस्था के दौरान होने वाली किसी भी समस्या का समय पर इलाज करवा सकें। इसके साथ ही, इससे महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली अन्य आवश्यक जांचें भी समय पर मिल सकेंगी।
महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रयास
इस योजना के तहत ई रुपी वाउचर पूरी तरह से डिजिटल रूप में जारी किए जा रहे हैं, जिससे योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है। ई रुपी वाउचर प्रणाली न केवल महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना को भी समाप्त कर रही है। पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने के कारण, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वाउचर सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे और इस पर किसी प्रकार का कोई बिचौलिया न हो।
स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता में वृद्धि
योगी सरकार की यह योजना स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ, प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना से न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो रही है, बल्कि गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सेवाओं तक आसान पहुँच भी मिल रही है। इसके अतिरिक्त, इससे उन गरीब और निम्नवर्गीय परिवारों को भी लाभ हो रहा है, जो निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे।
डिजिटल माध्यम से वाउचर जारी होने से भ्रष्टाचार बंद
ई रुपी वाउचर योजना ने भ्रष्टाचार को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब डिजिटल माध्यम से वाउचर जारी होने के कारण यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो गई है। इससे न केवल सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है, बल्कि निजी केंद्रों में भी अधिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हुई है, जिससे गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित हो रहा है।
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