सरकार ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 'मिशन शिक्षा' के तहत वंचित और गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत कई प्रभावी प्रयास किए गए हैं। इन प्रयासों का परिणाम यह है कि आरटीई आवेदन प्रक्रिया के पहले चरण (1 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान 1.32 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
यूपी में आरटीई के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा का अवसर : पहले चरण में आये 1.32 लाख से अधिक आवेदन, सत्यापन प्रक्रिया हुई तेज
Dec 21, 2024 19:29
Dec 21, 2024 19:29
हर बच्चे को मिलेगा शिक्षा का अधिकार
सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के किसी भी गरीब बच्चे की शिक्षा में कोई रुकावट न आए। अप्रैल के पहले दिन से ही उनकी नियमित पढ़ाई शुरू कराने की योजना बनाई गई है। इस दिशा में माता-पिता और अभिभावकों का भी सहयोग मिल रहा है, जिन्होंने बड़ी संख्या में आवेदन जमा किए हैं। सबसे अधिक आवेदन वाराणसी (10,278), लखनऊ (8,714), और कानपुर नगर (8,276) जिलों से प्राप्त हुए हैं।
आवेदन प्रक्रिया में तेजी
सरकार ने आरटीई अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों के सत्यापन कार्य को प्राथमिकता दी है। जिला स्तर पर बीईओ और बीएसए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 22 दिसंबर तक सत्यापन कार्य पूरा कर लिया जाए, क्योंकि पोर्टल 23 दिसंबर को स्वतः बंद हो जाएगा। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वंचित और गरीब बच्चों के शिक्षा अधिकार में किसी प्रकार की देरी न हो।
चार चरणों में संचालित हो रही प्रक्रिया
शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया को चार चरणों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक चरण में आवेदन की तिथि 1 तारीख से 19 तारीख तक निर्धारित की गई है। पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष चरणों में भी इसी प्रकार आवेदन और सत्यापन कार्य समयबद्ध तरीके से किए जाएंगे।
पिछले वर्षों में हुई प्रगति
शैक्षिक सत्र 2022-23 में जहां 71,214 बच्चों को आरटीई के तहत गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया था, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,14,196 हो गई। यह बच्चों के प्रवेश में 60 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। अब तक प्रदेश भर में 5 लाख से अधिक बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। योगी सरकार ने पिछले दो वर्षों में 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान कर बच्चों की शिक्षा को बिना किसी बाधा के जारी रखने का मार्ग प्रशस्त किया है।
प्रमुख जिलों में आवेदन की स्थिति
वाराणसी- 10,278 आवेदन
लखनऊ- 8,714 आवेदन
कानपुर नगर- 8,276 आवेदन
अलीगढ़- 4,880 आवेदन
आगरा- 4,626 आवेदन
लंबित आवेदनों का शीघ्र पूरा करें सत्यापन कार्य
सरकार ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी लंबित आवेदनों का सत्यापन कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। इसके साथ ही माता-पिता को आवश्यक दस्तावेजों, जैसे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और निवास प्रमाण पत्र, की सुविधा समय पर उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
लॉटरी-नामांकन की तिथियां निर्धारित
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के किसी भी बच्चे की शिक्षा में बाधा न आए। आरटीई अधिनियम के तहत प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तिथियां निर्धारित की गई हैं। उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे बच्चों के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार कर आवेदन प्रक्रिया में भाग लें। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि बच्चों की शिक्षा समय पर शुरू हो और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिले।
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