उत्तर प्रदेश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साल 2024 में भी ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान और इलाज में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य को पिछले साल साढ़े छह लाख मरीजों का लक्ष्य दिया गया था, जबकि प्रदेश ने 6.73 लाख मरीजों की पहचान की।
बदलता उत्तर प्रदेश : टीबी की पहचान-इलाज में यूपी को मिला पहला स्थान, दिसम्बर तक 6.73 लाख मरीज चिह्नित
Jan 05, 2025 16:52
Jan 05, 2025 16:52
प्रदेश को 6.5 लाख मरीजों की पहचान का लक्ष्य
विशेषज्ञों के अनुसार देश और प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लिए यह जरूरी है कि अधिक से अधिक मरीजों की पहचान की जाए और उनका इलाज किया जाए। इसी उद्देश्य के तहत केंद्रीय टीबी डिवीजन ने 2024 की शुरुआत में सभी राज्यों के लिए टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीजों की पहचान का लक्ष्य दिया गया था।
यूपी के बाद महाराष्ट्र में 2.25 लाख मरीज
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक राज्य में 6.73 लाख टीबी मरीजों की पहचान की गई है और इनका इलाज शुरू हो चुका है। इस सफलता में प्राइवेट डॉक्टरों की भी अहम भूमिका रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान प्राइवेट डॉक्टरों के माध्यम से हुई, जो कुल मरीजों का लगभग 40 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में 2.25 लाख और बिहार में 2 लाख मरीजों की पहचान की गई। मध्य प्रदेश और राजस्थान ने भी अच्छे परिणाम दर्ज किए हैं।
वर्तमान में चल रहा 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान
राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में साल भर विभिन्न कार्यक्रमों जैसे एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान और दस्तक अभियान चलाए गए, जिनसे अधिक से अधिक टीबी लक्षण वाले मरीजों को खोजा जा सका। वर्तमान में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान चल रहा है, जिसमें उच्च जोखिम वाले और संभावित टीबी मामलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्राइवेट डॉक्टरों की रही अहम भूमिका
टीबी उन्मूलन में प्राइवेट डॉक्टरों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर और झांसी ने इस क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली और गाजियाबाद में भी प्राइवेट डॉक्टर सक्रिय हैं, लेकिन श्रावस्ती में पिछले साल केवल 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए थे। इसके अतिरिक्त, महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संत रविदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डॉक्टरों की सहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता है।
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