UPPCL : ब्रजेश पाठक से मिले पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी, आरक्षण पर जताई चिंता, बोले- निजीकरण के बिना सुधार संभव

ब्रजेश पाठक से मिले पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी, आरक्षण पर जताई चिंता, बोले- निजीकरण के बिना सुधार संभव
UPT | डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को ज्ञापन सौंपते पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी

Dec 01, 2024 16:11

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बिजली क्षेत्र में निजीकरण के कारण औद्योगिक अशांति का माहौल बन सकता है। वर्तमान में ऊर्जा क्षेत्र में अस्थिरता पहले से ही बढ़ रही है। निजीकरण से यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। यह न केवल अभियंताओं और कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।   

Dec 01, 2024 16:11

Lucknow News : प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (PuVVNL) के 42 जनपदों में ट्रिपल पी मॉडल (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत बिजली क्षेत्र के निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध तेज हो गया है। पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत राजनीतिक दलों के नेताओं से समर्थन मांगा जा रहा है। इसी कड़ी में एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।

निजीकरण से आरक्षण प्रणाली पर संकट
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि बिजली क्षेत्र के निजीकरण से दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की आरक्षण प्रणाली खत्म हो जाएगी।
आरक्षण पर संकट : निजीकरण के चलते सरकारी नौकरियों पर खतरा मंडराने लगेगा, जिससे सामाजिक न्याय प्रभावित होगा।
युवाओं के रोजगार पर असर : इस प्रक्रिया का सीधा असर युवाओं के रोजगार पर पड़ेगा।  उनके रोजगार पर तलवार लटकती रहेगी, उनके रोजगार के अवसर समाप्त होने की संभावना है।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का खतरा : निजीकरण के कारण बिजली की दरें बढ़ने की संभावना है, जो आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालेगी।



औद्योगिक अशांति का बढ़ता खतरा
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बिजली क्षेत्र में निजीकरण के कारण औद्योगिक अशांति का माहौल बन सकता है। वर्तमान में ऊर्जा क्षेत्र में अस्थिरता पहले से ही बढ़ रही है। निजीकरण से यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। यह न केवल अभियंताओं और कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।   

बिजली क्षेत्र में सुधार को निजीकरण जरूरी नहीं, डिप्टी सीएम ने दिया आश्वासन
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि बिजली क्षेत्र का बिना निजीकरण किए बगैर भी उसमें सुधार लाया जा सकता है। लेकिन, उसके लिए बिजली अभियंताओं, कार्मिकों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का मौका दिया जाना चाहिए। डिप्टी सीएम ने संगठन के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिया कि दलित व पिछले वर्गों सहित आर्थिक रूप से कमजोर समान वर्ग के आरक्षण पर पर कोई भी कुठाराघात नहीं हो नहीं दिया जाएगा। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि निश्चित तौर पर बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए। उनके इस गंभीर विषय पर सक्षम स्तर पर चर्चा की जाएगी।

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