नगरीय परिवहन : ‘मेरी बस, मेरी सड़क’ पहल की शुरुआत, जानिए इसके फायदे

‘मेरी बस, मेरी सड़क’ पहल की शुरुआत, जानिए इसके फायदे
UPT | नगरीय परिवहन

Jun 19, 2024 20:59

इस अध्ययनों में सीईईडब्ल्यू ने उत्तर प्रदेश के 26 प्रमुख शहरों में 2031 तक आवश्यक बसों की संख्या, बस स्टॉप और फुटपाथ जैसे आधारभूत ढांचे और निवेश संबंधी आवश्यकताओं के साथ-साथ एक उन्नत सार्वजनिक परिवहन के लाभों का आकलन किया है।

Jun 19, 2024 20:59

Short Highlights
  • नगरीय परिवहन निदेशालय ने यूएसएआईडी और सीईईडब्ल्यू के साथ मिलकर शुरू की पहल
  • मेरी बस, मेरी सड़क कार्यक्रम की रिपोर्ट जारी 
Lucknow News : नगरीय परिवहन को प्रोत्साहन और आधुनिक बनाने के प्रयास के तहत नगरीय परिवहन निदेशालय ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के साथ मिलकर आज ‘मेरी बस, मेरी सड़क’ पहल की शुरुआत की है। इस पहल के अंतर्गत, यूएसएआईडी समर्थित क्लीनर एयर एंड बेटर हेल्थ (सीएबीएच) परियोजना के तहत नगरीय परिवहन निदेशालय के मार्गदर्शन में तीन स्वतंत्र शोध अध्ययनों को भी प्रकाशित किया गया है।

इस अध्ययनों में सीईईडब्ल्यू ने उत्तर प्रदेश के 26 प्रमुख शहरों में 2031 तक आवश्यक बसों की संख्या, बस स्टॉप और फुटपाथ जैसे आधारभूत ढांचे और निवेश संबंधी आवश्यकताओं के साथ-साथ एक उन्नत सार्वजनिक परिवहन के लाभों का आकलन किया है। अध्ययनों से सामने आए निष्कर्ष उत्तर प्रदेश के राज्य नगर बस कार्यक्रम को विकसित करने के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।  

2031 तक हर दिन 12 हजार से ज्यादा बसों की होगी जरूरत
‘मेरी बस, मेरी सड़क’ कार्यक्रम में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2031 तक प्रतिदिन कम से कम 60 लाख यात्रियों को सेवाएं देने के लिए उत्तर प्रदेश में 12 हजार से अधिक नगरीय बसों की जरूरत होगी। इसके अतिरिक्त, अध्ययनों ने अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने से होने वाले लाभों को भी रेखांकित किया है। सीएनजी बसों की तुलना में ई-बसें 23-32 प्रतिशत तक सस्ती होंगी और वाहनों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी लाएंगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। रिपोर्ट यह भी संकेत करती है कि उन्नत बस सेवाएं आने पर 40 लाख लोग दोपहिया और तिपहिया वाहनों की जगह पर बसों को अपना सकते हैं, जिससे सड़कों पर भीड़-भाड़ में कमी आएगी। यह परिवर्तन 2031 तक 24 किलोटन पीएम 2.5, 3.38 मीट्रिक टन कार्बन मोनो-ऑक्साइड और 0.321 मीट्रिक टन नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषणकारी तत्वों को घटाते हुए वायु गुणवत्ता में सुधार लाएगा।

बसों की खरीद के लिए 15,700 करोड़ की पड़ेगी जरूरत
इस कार्यक्रम में जारी किए गए अध्ययनों का आकलन है कि 2031 तक यूपी के 26 प्रमुख शहरों में दैनिक यात्रा की आवश्यकता पूरी करने के लिए जरूरी बसों की खरीद के लिए 15,700 करोड़ रुपये का संयुक्त व्यय चाहिए होगा। इसके अतिरिक्त, अधिकांश बस यात्री और संभावित बस यात्री चाहते हैं कि उनके गंतव्य स्थल तक आवागमन की सुविधा में सुधार हो और वाहन मिलने में कम से कम समय लगे। अध्ययनों में पाया गया है कि 40 प्रतिशत से अधिक वर्तमान बस यात्री अपनी यात्रा के शुरुआती या अंतिम हिस्से में पैदल चलते हैं, जो बस प्रणाली को एक बेहतर फुटपाथ नेटवर्क से जोड़ने की आवश्यकता को दर्शाता है। 

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