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Uttar Pradesh Ground Breaking Ceremony : नोएडा बना उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी, अब मुंबई को पछाड़ने की तैयारी

नोएडा बना उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी, अब मुंबई को पछाड़ने की तैयारी
UPT | मुंबई की तर्ज पर नोएडा को विकसित करने की योजना

Feb 14, 2024 18:12

अगर उत्तर प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनना है तो नोएडा की प्रगति बेहद अहम है। जैसे देश के लिए मुंबई आर्थिक राजधानी है, ठीक उसी तरह नोएडा का दर्जा उत्तर प्रदेश के लिए है। इसे मुंबई की तर्ज पर विकसित करने की योजना है।

Feb 14, 2024 18:12

Short Highlights
  • नोएडा में है 50 फीसदी हरित क्षेत्र
  • संजय गांधी की पहल पर बसा था शहर
  • नोएडा में बनते हैं देश के 65 फीसदी मोबाइल
Noida News : देश की राजधानी नई दिल्ली है, लेकिन आर्थिक गतिविधियां ज्यादा होने के कारण मुंबई को आर्थिक राजधानी का दर्जा हासिल है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में नोएडा को यह रुतबा हासिल है। भले ही लखनऊ प्रदेश की राजधानी है लेकिन नोएडा आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है। इसे मुंबई की तर्ज पर विकसित करने से पूरे प्रदेश का फायदा होगा और तभी यह देश में नंबर एक राज्य बन सकेगा।   

नोएडा में है 50 फीसदी हरित क्षेत्र
नोएडा दिल्ली का एक उपनगर है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक हिस्सा है। शहर का प्रबंधन न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण करता है। लगभग 50% हरित क्षेत्र के साथ नोएडा को भारत का सबसे हरा-भरा शहर माना जाता है। इसे मध्यम श्रेणी के शहरों यानि तीन से दस लाख की आबादी वाले शहरों में सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया है। यह शहर ब्रज के सांस्कृतिक क्षेत्र में है। 

संजय गांधी की पहल पर बसा 
नोएडा 17 अप्रैल 1976 को प्रशासनिक अस्तित्व में आया था। उस वक्त देश में विवादास्पद आपातकाल लागू था। नोएडा को देश में शहरीकरण पर जोर देने के तौर पर स्थापित किया गया था। यह शहर संजय गांधी की पहल पर उत्तर प्रदेश की तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने 'यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976' पारित करके बसाया था। 

शहर की प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा
इस शहर की प्रति व्यक्ति आय उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है। केंद्र सरकार ने नोएडा को विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया है। नोएडा प्राधिकरण देश के सबसे अमीर नगर निकायों में से एक है। नोएडा करीब 20,316 हेक्टेयर में फैला है। नोएडा में बड़ी संख्या में आवासीय सेक्टर और गांव हैं। साल 2021 तक शहर में कुल 168 आवासीय सेक्टर बसाए जा चुके हैं। शहर अच्छी तरह नियोजित है। प्रमुख सड़कों और राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा है। सेक्टरों के अलावा नोएडा में 80 से अधिक गांव हैं, जो पूरे शहर में फैले हुए हैं। ये गांव यहां के पारंपरिक जीवन के तरीके की झलक पेश करते हैं। अब नोएडा विभिन्न समुदायों और पृष्ठभूमि के लोगों की विविध आबादी का घर बन चुका है।

सैमसंग ने किया 50 अरब रुपये का निवेश
पिछले कुछ वर्षों में नोएडा माइक्रोसॉफ्ट,आर्म होल्डिंग्स, एचसीएल, सैमसंग, ओप्पो, वीवो, केंट आरओ और बार्कलेज जैसी कंपनियों का केंद्र बन गया है। ये कंपनी विदेशी मुद्रा में सेवा निर्यात के जरिए शहर की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही हैं। सैमसंग ने 'मेक इन इंडिया' के तहत नोएडा में 50 बिलियन रुपये का निवेश किया है। भारत की सबसे बड़ी यूनिकॉर्न फिनटेक कंपनी पेटीएम का मुख्यालय नोएडा में है। यह न केवल भारत बल्कि दुनिया में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप की अवधारणा का उल्लेखनीय उदाहरण है। यह एशिया की सबसे बड़ी औद्योगिक टाउनशिप है, जिसमें साफ और चौड़ी सड़कें, अच्छी तरह से विकसित भूमि, निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल, निर्बाध कम्युनिकेशन सिस्टम, शांत और शानदार आवासीय परिसर बनाने पर जोर दिया गया है।

प्रदूषण मुक्त शहर पर खास जोर
नोएडा में प्राधिकरण ने प्रदूषण मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने के लिए बड़ी हरित पट्टियां, उद्यान और पार्क विकसित किए हैं। आवासीय सुविधा, वाणिज्यिक क्षेत्र, व्यापार केंद्र, कार्यालय परिसर और मनोरंजन क्षेत्र आधुनिक, कुशल और व्यापक बुनियादी ढांचे के तौर पर लगातार विकसित हो रहे हैं। नोएडा में कुशल श्रमिकों की भी कोई कमी नहीं है। अनुभवी प्रबंधन कर्मियों की त्वरित पहुंच है। नोएडा की योजना ग्रिड आयरन अवधारणा पर बनाई गई है। इसमें इंजीनियरिंग, शहरी नियोजन और वास्तुकला में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। यह भविष्य के तेजी से विकसित हो रहे शहर की जरूरतों को पूरी करता है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य और देश दोनों में औद्योगिक क्षेत्र के विकास को तीव्र गति प्रदान करना है।

प्रदेश की आमदनी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी
उत्तर प्रदेश की जीडीपी में नोएडा की हिस्सेदारी 10.12% है। नोएडा सभी 75 जिलों में पहले स्थान पर बरकरार है। राज्य की राजधानी लखनऊ, नोएडा के बाद दूसरे स्थान पर है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी नोएडा अव्वल है। नोएडा की औसत प्रति व्यक्ति आय 6.71 लाख रुपये सालाना है। नोएडा का सकल घरेलू उत्पाद 1,66,073.92 करोड़ रुपये है। लखनऊ 75,762.73 करोड़ रुपये की जीडीपी के साथ दूसरे नंबर पर है लेकिन नोएडा से बहुत पीछे है।

कोरोना भी नहीं रोक सका रफ्तार 
नोएडा प्राधिकरण के आय की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 में 6,456 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो 4,880 करोड़ रुपये के लक्ष्य से 1,576 करोड़ रुपये या लगभग 32 प्रतिशत अधिक रहा है। कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों को बेअसर करते हुए प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय, समूह आवास और संस्थागत क्षेत्रों के लिए भूमि आवंटन किया। भूमि आवंटन के लिए ई-नीलामी अपनाने से अतिरिक्त आय हुई। औद्योगिक विभाग ने 260 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 569 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया। वाणिज्यिक विभाग का राजस्व संग्रह लक्ष्य 650 करोड़ रुपये था, जबकि विभाग ने 926 करोड़ रुपये एकत्र किए। इसी तरह ग्रुप हाउसिंग विभाग ने 600 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,057 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। आवासीय भूमि विभाग ने 552 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया, जबकि लक्ष्य केवल 310 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के लिए नोएडा प्राधिकरण का बजट 6,503 करोड़ रुपये है। यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के 4,580 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। प्राधिकरण ने पिछले साल 6,481 करोड़ रुपये की आय की और 4,990 करोड़ रुपये खर्च किए।

दो एलिवेटेड रोड से मिली विकास को रफ्तार
शहर में बुनियादी ढांचे के विकास पर तेजी से काम चल रहा है। इन परियोजनाओं पर इस साल 1,906 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जिसमें दो एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं। चिल्ला से महामाया फ्लाईओवर तक 5.8 किमी और 5.5 किमी लंबी भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण चल रहा है। शहर में ट्रैफिक सुधारने के लिए अंडरपास बन रहे हैं। नया प्रशासनिक भवन बनाया जा रहा है। प्राधिकरण ने जेवर में विकसित किए जा रहे नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के लिए 1,359 करोड़ रुपये दिए हैं।

नोएडा में बनते हैं देश के 65 फीसदी मोबाइल
देश में बनने वाले 65 प्रतिशत मोबाइल फोन का निर्माण नोएडा में होता है। नोएडा की बदौलत मोबाइल उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश अब तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आगे निकल चुका है। इससे रोजगार के लिए दूसरे राज्य में यूपी के युवाओं का पलायन रुका है। केवल चार वर्षों में नोएडा को 42 हजार करोड़ रुपये का निवेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मिला है। नोएडा में स्थित सैमसंग के प्लांट में हर महीने करीब एक करोड़ मोबाइल फोन बनाए जाते हैं। इस फैक्ट्री से बनने वाले प्रोडक्ट्स का 30 फीसदी निर्यात पूरी दुनिया में किया जा रहा है। आने वाले समय में इसमें बढ़ोतरी होने की पूरी उम्मीद है। 

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