शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (अब ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर) ने फिर अपना वसीयतनामा तैयार किया है।
वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र नारायण ने की वसीयत : मौत के बाद दफनाने की बजाय मेरा दाह संस्कार किया जाए, रामभद्राचार्य विसर्जित करें अस्थियां
Nov 12, 2024 18:29
Nov 12, 2024 18:29
हत्या की जताई आशंका
जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने अपने वीडियो में कहा, जिहादी मानसिकता रखने वाले कुछ कट्टरपंथी मुझे इस्लाम का बागी और काफिर मानते हैं। मेरी हत्या की साजिश कर रहे हैं। जब तक जिंदा हूं मेरी जान लेने की कोशिश करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में हो सकता है कि मेरा परिवार दबाव में आकर इन कट्टरपंथियों के आगे झुक जाए। उनसे माफी मांगकर मेरी मृत्यु के बाद शव को कब्रिस्तान में दफनाने की कोशिश करें।
हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए अंतिम संस्कार
सेंगर ने कहा कि वसीयतनामा में स्पष्ट लिखा है कि मैं सनातनी हूं। मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज के साथ किया जाए। चूंकि आचार्य रामभद्राचार्य जी महाराज ने मुझे दीक्षा दी है। अगर रामभद्राचार्य जी का स्वास्थ्य अनुमति दे तो मेरी अस्थियों का विसर्जन उनके हाथों या फिर उनकी मौजूदगी में किया जाए। इसके लिए मैंने उनको अधिकृत किया है।
2021 में भी तैयार किया किया था वसीयतनाम
इससे पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने 2021 में एक वसीयतनाम तैयार किया था। उसमें भी उन्होंने मरने के बाद शव को दफनाने की बजाय हिन्दू रिति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती को उनकी चिता को मुखाग्नि देने के लिए अधिकृत किया था।
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