टेस्ट के द्वारा दिमाग़ की सभी प्रकार की खून की नसों की जांच की जाती है। टेस्ट में एक कैथिटर द्वारा दिमाग़ की खून की नसों तक पहुंचाया जाता है। इस टेस्ट की मदद से ब्रेन स्ट्रोक...
बदलता उत्तर प्रदेश : डीएसए टेस्ट के लिए एम्स या पीजीआई चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं, LLRM Meerut में मिलेगी डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफी की सुविधा
May 21, 2024 21:33
May 21, 2024 21:33
- मेरठ एलएलआरएम में सस्ती दरों पर होगी जांच
- दिमाग की खून की नसों की बीमारी चलेगी पता
- ब्रेन स्ट्रोक एवं अन्य बीमारियों का समय रहते होगा इलाज
दिमाग़ की सभी प्रकार की खून की नसों की जांच
इस टेस्ट के द्वारा दिमाग़ की सभी प्रकार की खून की नसों की जाँच की जाती है। इस टेस्ट में एक कैथिटर द्वारा दिमाग़ की खून की नसों तक पहुंचाया जाता है। जिसमें दिमाग में होने वाले खून के प्रवाह को देखा जाता है। इस टेस्ट की मदद से ब्रेन स्ट्रोक एवं दिमाग की अन्य गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं दिमाग के अंदर नसों के होने वाले ब्लड वेसल संबंधित सभी जानकारिया भी टेस्ट के माध्यम से समय रहते प्राप्त हो जाती है। टेस्ट के द्वारा दिमाग़ में होने वाली ब्लीडिंग, खून का थक्का जमना, दिमागी नसों में आपस में होने वाले कनेक्शन के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त होती है।
टेस्ट को कराने के लिए मरीजों को पहले जाना पड़ता था दिल्ली एम्स या पीजीआई चंडीगढ़
सरकारी संस्थानों में इस टेस्ट को कराने के लिए मरीज़ों को पहले दिल्ली एम्स या पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था। लेकिन अब इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज मेरठ में उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूरोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर द्वारा किया जा रहा है। डॉ. दीपिका सागर ने बताया की इस टेस्ट की मदद से मरीज़ों की दिमाग़ी बीमारियों को समझने व उनके बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है। यह टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटल में लगभग 25 हज़ार से 30 हज़ार रुपए तक होता है। लेकिन मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूनतम दरों पर किया जा रहा है। अब ब्रेन स्ट्रोक एवं अन्य दिमाग़ संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। इस टेस्ट को मोयामोया बीमारी से ग्रसित मरीज़ रीना पर किया गया, मरीज़ रीना के दिमाग़ का ऑपरेशन ऐम्स दिल्ली में हुआ था।
उपरोक्त जांच को कराने के लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ता था या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में महंगी जांच करानी पड़ती थी। अब यह जांच मेडिकल कॉलेज मेरठ में होने से मरीज काफी खुश है। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने इस जांच को मेडिकल कॉलेज मेरठ में शुरू किए जाने के लिए न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर को बधाई दी।
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