Weather Report : इस बार हीटवेव पिछले साल की तुलना में 1.5 डिग्री अधिक गर्म, आने वाले समय के लिए घातक

इस बार हीटवेव पिछले साल की तुलना में 1.5 डिग्री अधिक गर्म, आने वाले समय के लिए घातक
UPT | 'क्लाइमामीटर' ग्रुप के अध्ययन रिपोर्ट में ये चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।

Jun 08, 2024 23:55

क्लाइमामीटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार मई में चली तीव्र और लंबी हीटवेव प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना और वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का फैलाव का परिणाम थी।

Jun 08, 2024 23:55

Short Highlights
  • मई माह में दर्ज की गई सबसे अधिक हीटवेव
  • क्लाइमामीटर की शोध में किया चौकाने वाला खुलाया
  • मौसम वैज्ञानिक ने जताए जलवायु परिवर्तन के संभावित खतरे
Weather Report Update : पिछले साल की अपेक्षा इस बार मई माह में हीटवेव पिछले साल की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही। ये कहना है मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष का। उन्होंने कहा कि देश में हीट वेव का तापमान बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन और अन्य मौसम कारणों के चलते इस बार हीटवेव 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही है। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के 'क्लाइमामीटर' ग्रुप के अध्ययन रिपोर्ट में ये चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।

लगातार बढ़ते तापमान को लेकर चेतावनी जारी कर रही है रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि मौसम पर आ रही रिपोर्ट लगातार बढ़ते तापमान को लेकर चेतावनी जारी कर रही हैं। लेकिन इसके बाद भी कोई नहीं सचेत हो रहा है। ना सरकारें और ना संगठन। ऐसे खतरे भविष्य के प्रति काफी नुकसानदायक हैं। उन्होंने बताया कि इस बार यूपी में मई माह में बारिश ना होना भी चिंता का कारण है। पिछले पांच साल में इस बार मई माह में ऐसा मौका आया है जबकि मई माह में बारिश नहीं हुई है। निकट भविष्य में यह सबसे लिए घातक होगी।

इस बार मई में चली तीव्र और लंबी हीटवेव
मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुभाष ने बताया कि मई माह में हीटवेव के तापमान में वृद्धि के कारणों का पता लगाने के लिए 1979 से 2001 की तुलना वर्तमान 2001 से 2023 से की गई। क्लाइमामीटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार मई में चली तीव्र और लंबी हीटवेव प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना और वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का फैलाव का परिणाम थी। क्लाइमामीटर की रिपोर्ट से पता चलता है आने वाले सालों में जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण हीटवेव असहनीय तापमान सीमा तक पहुंचने की संभावना है। वरिष्ठ भूगोलविद डॉ. कंचन सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में तेजी से मौसम पैटर्न में बदलाव हो रहा है। यह  बदलाव भविष्य में हीटवेव के लिए घातक हो सकता है। 2023-24 अल नीनो और मानव जनित जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के बीच मौसम की स्थितियों में बहुत बदलाव आया है। 

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