नासा के पूर्व वैज्ञानिक और प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी डॉ. रमेश चंद त्यागी की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके परिवार ने उनका पैतृक घर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) मेरठ को दान कर दिया...
नासा के पूर्व वैज्ञानिक की अंतिम इच्छा पूरी : पैतृक घर मेरठ विश्वविद्यालय को किया दान, 100 साल पुराना घर बनेगा शोध केंद्र
Nov 18, 2024 10:55
Nov 18, 2024 10:55
डॉ. त्यागी का जीवन और योगदान
डॉ. रमेश चंद त्यागी ने आईआईटी दिल्ली, पुणे की रक्षा अकादमी, डीआरडीओ और अमेरिका के नासा जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया। 1970 के दशक में वह नासा में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब "रिवर्स ब्रेन ड्रेन" नीति पर जोर दिया तो डॉ. त्यागी को भारत लौटने के लिए आमंत्रित किया गया। वह भारत लौटे और डीआरडीओ में मिसाइल मिशन पर काम किया। हालांकि फंड की कमी के कारण यह कार्यक्रम सफल नहीं हो पाया। इसके बाद उन्हें पुणे की रक्षा अकादमी में भेजा गया। जहां उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संपत्ति दान का लिया निर्णय
डॉ. त्यागी के पास अपनी संपत्ति को अपने बेटों को सौंपने या प्रीमियम कीमत पर बेचने का विकल्प था लेकिन उन्होंने इसे समाज को समर्पित करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी भतीजी शिखा त्यागी को इस संपत्ति का उपयुक्त उपयोग खोजने की जिम्मेदारी दी। शिखा ने बताया, "मेरे चाचा चाहते थे कि यह संपत्ति शैक्षिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो। उनका मानना था कि शिक्षा के माध्यम से ही भविष्य की पीढ़ियों को बेहतर भारत के लिए तैयार किया जा सकता है।"
सीसीएसयू की योजना
सीसीएसयू के अनुसंधान और विकास निदेशक प्रोफेसर बीर पाल सिंह ने बताया कि इस ऐतिहासिक घर को एक शोध केंद्र और पुस्तकालय में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम इसे डॉ. रमेश चंद त्यागी के नाम पर समर्पित करेंगे। यह स्थान छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बनेगा।" सीसीएसयू की कुलपति संगीता शुक्ला को घर से संबंधित सभी कानूनी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं।
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