ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे स्थित ज़ीरो पॉइंट पर बुधवार की रात किसानों के आंदोलन ने एक नया मोड़ ले लिया, जब पुलिस ने भारी संख्या में किसानों और उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
बड़ी खबर : नोएडा के सारे किसान नेता देर रात गिरफ्तार, सीएम योगी ने कहा- 'अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं'
Dec 05, 2024 00:42
Dec 05, 2024 00:42
धरने का आयोजन और पुलिस की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, बुधवार रात करीब 11 बजे ग्रेटर नोएडा के ज़ीरो पॉइंट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और धरना दे रहे सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पूरी तरह से धरना स्थल को खाली करा लिया और कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया। इस अचानक हुई पुलिस कार्रवाई से वहां मौजूद किसानों में अफरा-तफरी मच गई, जबकि कई नेता अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने लगे। भारतीय किसान यूनियन ने इस धरने का आयोजन भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों और मुआवजे की विसंगतियों के खिलाफ किया था। किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों की मुख्य मांगें भूमि अधिग्रहण से संबंधित थीं, जिसमें उचित मुआवजे की मांग प्रमुख थी।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेशगौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 4, 2024
पुलिस द्वारा किसानों की गिरफ्तारी के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर के जरिए एक सख्त संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, "गौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।" मुख्यमंत्री का यह बयान किसानों के खिलाफ एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने किसी भी प्रकार की अराजकता को बर्दाश्त न करने की बात कही।
किसानों का आक्रोश और प्रशासन का जवाब
किसानों और उनके नेताओं का कहना है कि प्रशासन उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। गिरफ्तारी के बाद कई किसान नेता भूमिगत हो गए हैं और आंदोलन की नई रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। भाकियू ने घोषणा की है कि वे जल्द ही बड़े स्तर पर नए विरोध प्रदर्शन की योजना बनाएंगे।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस-प्रशासन की तैयारी
अंतिम जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने इस आंदोलन से निपटने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस ने प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इस घटनाक्रम के बाद क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। कुछ लोग इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम मानते हैं, जबकि कई लोग इसे किसानों की जायज़ मांगों की अनदेखी मान रहे हैं।
आंदोलन का समयसीमा और आगे की रणनीति
किसानों का आंदोलन अब प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है। 29 नवंबर 2024 को किसानों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, और किसान प्रशासन से अपनी समस्याओं का समाधान चाहते थे। 4 दिसंबर 2024 को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन की घोषणा की थी, जिसके बाद पुलिस और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ गया। किसानों ने ऐलान किया है कि 5 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।
आंदोलन के पीछे की राजनीति और जनता की राय
यह घटनाक्रम अब सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है, बल्कि इसने प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे किसानों के अधिकारों की रक्षा के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे प्रशासन और कानून व्यवस्था की रक्षा की दिशा में आवश्यक कदम मान रहे हैं। इसके बावजूद, यह आंदोलन अब दोनों पक्षों के बीच एक ठनी हुई राजनीति का हिस्सा बन चुका है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में इसका क्या परिणाम निकलता है।