एमिटी में दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी संपन्न : वृद्धजनों की समस्याओं पर की चर्चा, शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए शोध पत्र

वृद्धजनों की समस्याओं पर की चर्चा, शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए शोध पत्र
UPT | एमिटी में दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी संपन्न

Oct 18, 2024 21:17

एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा में वृद्धजन मुद्दों पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 17-18 अक्टूबर, 2024 को ई2 सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ...

Oct 18, 2024 21:17

Noida News : एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा में वृद्धजन मुद्दों पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 17-18 अक्टूबर, 2024 को ई2 सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ। इस संगोष्ठी का आयोजन एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें 'भारत में वृद्धजनों पर राष्ट्रीय और राज्य नीतियां', 'बुढ़ापा: इसकी बारीकियों और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को समझना', 'वृद्धजनों के कानूनी अधिकार और उपयोगकर्ता-अनुकूल तकनीक', 'सामाजिक जुड़ाव और सामुदायिक संबंध', तथा 'परिवार के सदस्यों की देखभाल और समर्थन' शामिल थे।

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शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए
संगोष्ठी के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य के शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस अवसर पर शोध पत्रों के सार और संगोष्ठी से प्राप्त प्रमुख अंतर्दृष्टि का एक संकलन जारी किया गया, जो भविष्य के संदर्भ और नीति निर्माण के लिए मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, समाज सेवकों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों को एक साथ लाना था, ताकि वृद्धजनों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा सके। यह लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया।



बुढ़ापे के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर भी चर्चा की गई
इस दो दिवसीय संगोष्ठी ने वृद्धजनों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया। भारत में बढ़ती वृद्ध आबादी के मद्देनजर, इस तरह के आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों ने वृद्धजनों के लिए मौजूदा नीतियों की समीक्षा की और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव दिए। बुढ़ापे के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर भी चर्चा की गई, जिससे इस विषय पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्राप्त हुआ। वृद्धजनों के कानूनी अधिकारों और उनके लिए उपयोगी तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया गया, जो उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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इस बात पर दिया जोर
संगोष्ठी के दौरान वृद्धजनों के सामाजिक जुड़ाव और सामुदायिक संबंधों के महत्व पर जोर दिया गया। इसके साथ ही, परिवार के सदस्यों द्वारा वृद्धजनों की देखभाल और समर्थन के विषय पर भी विस्तृत चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश के शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों ने राज्य में वृद्धजनों की स्थिति पर नए प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी से प्राप्त निष्कर्षों और सुझावों का संकलन भविष्य में वृद्धजन कल्याण नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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