दिल्ली से धराया तिब्बती नागरिक : चीन के साइबर अपराधियों की कर रहा था मदद, फर्जी आधार-पैन भी बरामद

चीन के साइबर अपराधियों की कर रहा था मदद, फर्जी आधार-पैन भी बरामद
UPT | दिल्ली से धराया तिब्बती नागरिक

Sep 12, 2024 15:05

यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हाल ही में एक तिब्बती नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेजों के साथ भारत में रह रहा था। आरोपी को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-3 से हिरासत में लिया गया

Sep 12, 2024 15:05

Short Highlights
  • दिल्ली से धराया तिब्बती नागरिक
  • साइबर अपराधियों की मदद का आरोप
  • एसटीएफ कर रही गहन पूछताछ
Noida News : यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हाल ही में एक तिब्बती नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेजों के साथ भारत में रह रहा था। आरोपी को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-3 से हिरासत में लिया गया और उसके बाद नोएडा में पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। थारचिन ने 2013 में दार्जिलिंग से 'चंद्र ठाकुर' नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था और इसी पहचान के तहत वह दिल्ली में निवास कर रहा था। आरोपी का असली नाम छिंजोन थारचिन है और वह तिब्बत का निवासी है, जो 2008 से दिल्ली में रह रहा था।

कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद
पुलिस जांच के दौरान पता चला कि थारचिन साइबर अपराधियों के लिए भारतीय बैंक खातों का संचालन करता था। उसने नेपाल और श्रीलंका में स्थित चीनी साइबर अपराधियों को भारतीय बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध कराई, जिसका उपयोग ठगी और अन्य साइबर अपराधों में किया गया। आरोपी के पास से कई फर्जी दस्तावेज, जैसे पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, और एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। इन दस्तावेजों का उपयोग कर उसने विदेशी अपराधियों को भारतीय बैंक खातों तक पहुंच प्रदान की, जिससे बड़े पैमाने पर साइबर ठगी की गई।

साइबर अपराधियों की मदद का आरोप
पुलिस के अनुसार, थारचिन ने 2021 में नेपाल में एक चीनी नागरिक से संपर्क किया और भारतीय बैंक खाते मुहैया कराने की पेशकश की। इसके बदले में उसने नकद राशि प्राप्त की। इसके अलावा, थारचिन के पास से 26 भारतीय बैंक खातों का पता चला है, जिनमें बड़ी मात्रा में लेनदेन हुआ था। इन खातों का इस्तेमाल साइबर अपराधियों ने विभिन्न प्रकार के धोखाधड़ी और अपराधों में किया था। इस मामले में थारचिन ने पहले भी एक भारतीय बैंक खाते के जरिए 4.5 करोड़ रुपये का लेन-देन किया था, जिससे वह पहले भी जेल जा चुका है।

एसटीएफ कर रही गहन पूछताछ
जेल से छूटने के बाद, थारचिन ने द्वारका निवासी नरेंद्र यादव के साथ मिलकर भारतीय बैंक खातों की व्यवस्था जारी रखी। यादव भी विदेशी साइबर अपराधियों के संपर्क में था और भारतीय खातों के जरिए साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। थारचिन की गिरफ्तारी ने इस नेटवर्क को उजागर कर दिया है और उसकी जांच के माध्यम से भारतीय बैंक खातों की सुरक्षा और साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई है। एसटीएफ अब इन बैंक खातों और विदेशी अपराधियों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है।

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